मेगा प्रोजेक्टों को आकर्षित करने के लिए बनाई विशेष सब्सिडी योजना

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– युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्योग लगाना प्राथमिकता: दुष्यंत चौटाला
– नेट एसजीएसटी के बदले दी जाएगी निवेश सब्सिडी

चंडीगढ़, 2 अगस्त- : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ‘नेट एसजीएसटी के बदले निवेश सब्सिडी’ की योजना तैयार की है, इसके तहत एमएसएमई लेकर से अल्ट्रा-मेगा प्रोजेक्टों तक सभी को यह सब्सिडी दी जाएगी। अधिक उद्योग लगने से प्रदेश के ज्यादा से जयादा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने जो ‘हरियाणा इंटरप्राइजिज एंड एंप्लाइमैंट पोलिसी,2020’ का निर्माण किया है, उसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश को एक प्रमुख निवेश-गंतव्य के रूप में स्थापित करना और ऊर्जायुक्त शासन प्रणाली द्वारा संतुलित क्षेत्रीय और सतत विकास की सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यह महसूस किया कि प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उनको बुनियादी ढांचे को खड़ा करने में सहयोग देने और बेहतर ‘इज ऑफ डुइंग’ प्रणाली के साथ-साथ ‘नेट एसजीएसटी के बदले निवेश सब्सिडी’ के रूप में प्रमुख वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की भी आवश्यकता है। इससे उनके बिजनेस की लागत में कमी आएगी और उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी व टिकाऊ बन सकेंगे।

श्री  चौटाला ने बताया कि पूरे राज्य में अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स को ‘हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड’ द्वारा प्रोत्साहन के लिए अनुकूलित पैकेज की पेशकश की जाएगी। इसी बोर्ड द्वारा ही ‘नेट एसजीएसटी के बदले निवेश सब्सिडी’ की मात्रा और अवधि तय की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि समान आर्थिक गतिविधियों में लगे ऐसे कलस्टर, जिसमें कम से कम 10 उद्यम शामिल हों, जो अन्य देशों/राज्यों से हरियाणा में स्थापित या स्थानांतरित हो रहे हों, तो उन सभी को मिलाकर एक मेगा प्रोजेक्ट के रूप में माना जाएगा, बशर्ते कि यह ‘फिक्सड कैपिटल इन्वेस्मैंट’(एफसीआई) के मानदंडों को पूरा करता हो। उन्होंने बताया कि ‘कॉस्ट बैनिफिट एनालिसिस’ के आधार पर इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए ‘हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड’ द्वारा प्रोत्साहन के रूप में एक विशेष पैकेज तय किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने उद्योगों को दी जाने वाली ‘नेट एसजीएसटी के बदले निवेश सब्सिडी’ योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा ‘डी-कैटेगरी’ वाले खंड में लगाए जाने वाले उद्योग को पहले 5 वर्षों के लिए ‘नेट एसजीएसटी’ का 75 प्रतिशत, अगले 3 वर्षों के लिए 35 प्रतिशत (फिक्सड कैपिटल इन्वेस्टमैंट का अधिकतम 125 प्रतिशत) दिया जाएगा। इसी प्रकार, ‘सी-कैटेगरी’ वाले खंड में लगने वाले उद्योग को पहले 5 वर्षों के लिए ‘नेट एसजीएसटी’ का 50 प्रतिशत,अगले 3 वर्षों के लिए 25 प्रतिशत (फिक्सड कैपिटल इन्वेस्टमैंट का अधिकतम 100 प्रतिशत) तथा ‘बी-कैटेगरी’ वाले खंड में लगने वाले उद्योग को पहले 5 वर्षों के लिए ‘नेट एसजीएसटी’ का 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक उत्पादों के निर्माण शुरू होने से अगले 3 वर्षों के लिए 15 प्रतिशत (फिक्सड कैपिटल इन्वेस्टमैंट का अधिकतम 100 प्रतिशत)दिया जाएगा।

दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि जिन मेगा प्रोजेक्ट्स में ‘इन्वर्टिड ड्यूटिज’ होंगी, उनमें 8 साल की अवधि तक समान वार्षिक किश्तों में एफसीआई (फिक्सड कैपिटल इन्वेस्टमैंट) के 5 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। यह किसी मेगा प्रोजेक्ट के लिए अधिकतम 5 करोड़ रूपए की वार्षिक सीमा होगी। उन्होंने बताया कि जिन मामलों में नकद खाता-बही के तहत एक वर्ष में ‘नेट एसजीएसटी’ एफसीआई के 5 प्रतिशत से कम है, वहां पर भी 8 साल की अवधि तक समान वार्षिक किश्तों में एफसीआई (फिक्सड कैपिटल इन्वेस्टमैंट) के 5 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें भी किसी मेगा प्रोजेक्ट के लिए अधिकतम 5 करोड़ रूपए की वार्षिक सीमा होगी।

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