राहुल, मनमोहन व चिदबंरम को मोदी ने क्या जवाब दिया ?

Font Size

वाराणसी : पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का विरोध कर रहे कांग्रेसी नेताओं पर गुरुवार को काशी से जमकर प्रहार किया. कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए उन्होंने  नाम लेकर राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और चिदबंरम पर सीधा हमला बोल दिया. नोटबंदी के अपने फैसले को सही ठहराते हुए पीएम ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का भी जवाब दिया.

 

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक दिन के प्रवास पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि विपक्ष के नेता नोटबंदी के मुद्दे पर भ्रष्ट लोगों का पक्ष लेंगे. प्रधानमंत्री ने सह शंब्दों में आरोप लगाया कि गरीबी मनमोहन सिंह की विरासत है. मोदी ने बेहद कड़े शब्दों में कटाक्ष करते हुए कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष की ओर से संसद में किया हंगामा ठीक उसी तरह है, जैसे पाकिस्तान आतंकियों को भारत में घुसपैठ करने के लिए कवर फायर देता है. लेकिन काशी का ये बच्‍चा सच इधर से या उधर से निकलवाकर ही रहेगा.

 

बीएचयू में अपने संबोधन में पीएम ने कांग्रेस के नेताओं पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का विरोध करने वाले पाकिस्‍तान जैसी रणनीति अपना रहे हैं. कुछ राजनीतिक दल व  नेता बेईमानों के साथ हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बेईमानों को बचाने के लिए विपक्ष के नेता नई नई तरकीब खोज रहे हैं. उन्‍होंने दावा किया कि जनता को तकलीफ हो रही है लेकिन ईमानदारी के लिए वो सरकार के साथ हैं. नोटबंदी पर 125 करोड़ देशवासियों को हम जितना भी नमन करें वो कम ही होगा.

 

उन्होंने राहुल गाँधी पर तंज कसते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद किसी का कालाधन और किसी का काला मन अब खुल रहा है. उनका दावा है कि नोटबंदी के बाद ये देश सोने की तरह तपकर निकलेगा. 

 

पीएम ने आज राहुल गांधी का नाम लेकर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक युवा नेता हैं जो भाषण सीख रहे हैं. राहुल ने जब से बोलना सीखा और भाषण देना शुरू किया तो मुझे खुशी हुई है. जब तक राहुल गांधी नहीं बोलते थे, तब तक पता नहीं होता था कि उनके पैकेट में क्‍या है लेकिन अब साफ है. मोदी ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि राहुल गांधी ने सीख लिया है कि भाषण कैसे दिए जाते हैं. मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि अब हमने देख लिया है कि ‘भूकंप’ का मतलब क्या है. पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा हुआ युवा नेता ने बोलना शुरू कर दिया नहीं तो भूकंप आ जाता और देश को इतना बड़ा दर्द झेलना पड़ता कि दस सालों तक उबर ही नहीं पाता. उनके बोलने से ये भी पता चल गया कि भूकंप कैसा होता है.

 

 

पीएम मोदी ने कहा कि नोटबैन का विरोध कर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया है. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 1971-72 से वित्त विभाग की कोर टीम में रहे हैं. उनका कहना है कि देश की 50 फीसदी जनता गरीब है तो नोटबंदी को कैसे लागू किया जा सकता है. इस पर पीएम मोदी ने सवाल किया कि 50 फीसदी गरीबी की विरासत मैं किसकी झेल रहा हूं? आप अपना रिपोर्ट कार्ड तो नहीं दे रहे.

 

मोदी ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि मैंने इस बड़े कदम के परिणामों के बारे में नहीं सोचा था. वास्तव में मैं इस एक चीज के बारे में नहीं सोच पाया था कि किस निर्लजता के साथ कुछ राजनीतिक दल और नेता भ्रष्ट लोगों का बचाव करने आगे आएंगे. लेकिन मैं खुश हूं कि ‘काले धन’ के खात्मे के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए इस अभियान ने कई ‘काले मन’ भी बेपर्दा कर दिए हैं. बीते आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे.

 

मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी दलील है कि गरीबी, निरक्षरता और देश के गांवों तक बिजली न पहुंचने के कारण नकदी रहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना व्यर्थ है. उनकी यह दलील उनके अपने ही रिपोर्ट कार्ड को ‘खोलकर’ रख देती है. मोदी ने कहा कि गरीबी सिंह की विरासत है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की छवि साफ है लेकिन कई बड़े घोटाले उन्हीं के कार्यकाल में हुए.

अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से संसद में यह कहे जाने पर कि 50 प्रतिशत से अधिक गरीब जनसंख्या वाले देश में नकदी रहित अर्थव्यवस्था व्यवहार्य नहीं है, मोदी ने कहा कि मैं इस बात पर हैरान हूं कि क्या वह खराब स्थिति को स्वीकार करके अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रहे थे? मोदी ने कहा कि आखिर वह दो बार प्रधानमंत्री और एक बार वित्त मंत्री रह चुके हैं. 1970 के दशक से वह प्रमुख पद संभाल रहे हैं.

 

प्रधानमंत्री ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर यह कहने के लिए निशाना साधा कि भारत के लगभग आधे गांवों में बिजली की व्यवस्था न होने के कारण ऑनलाइन लेनदेन को व्यापक स्वीकार्यता नहीं मिल सकी. मोदी ने कहा कि वह किसकी गलतियों को गिना रहे हैं? क्या मैंने बिजली वाले गांवों से बिजली के खंभे उखाड़ लिए या तारें काट लीं? उन्होंने राहुल गांधी के इस दावे पर भी चुटकी ली कि कार्ड, ऑनलाइन हस्तांतरण आदि में कम साक्षरता के कारण बाधाएं आएंगी. मोदी ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि वह यह न कहें कि मैंने कुछ काला जादू करके उन लोगों को निरक्षर बना दिया है, जो लिखना-पढ़ना जानते थे.

 

उन्होंने कहा कि वह बोलने से पहले कभी सोचते नहीं हैं और उन्हें यह अहसास भी नहीं हुआ होगा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के लंबे शासन की विफलता को स्वीकार कर लिया है. खुद को ‘काशी का बच्चा’ कहते हुए मोदी ने कहा कि फिर भी, मैं यह देखकर खुश हूं कि इस पवित्र भूमि की शक्ति ने मुझे काम करने दिया और आलोचकों को अनजाने में ही सही, लेकिन उनकी विफलताओं को स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया.

You cannot copy content of this page