तेज टीकाकरण ही अर्थव्यवस्था को खोलने व सामान्य स्थिति में लौटने की कुंजी :डॉ. वीके पॉल

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नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया है कि कोविड टीकाकरण के संशोधित दिशा-निर्देश लागू होने के बाद, पहले दिन ही वैक्सीन की लगभग 81 लाख खुराकें लगाई गईं।

बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने की भारत की क्षमता का संकेत

दूरदर्शन से बात करते हुये डॉ. पॉल ने कहा कि पहले दिन के टीकाकरण के आंकड़े यह साबित करते हैं कि तमाम दिनों और सप्ताहों तक लगातार बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने की क्षमता भारत के पास है। उन्होंने कहा, “यह सब केंद्र सरकारऔर राज्य सरकारों के बीच के समन्वय और योजना के बदौलत संभव हो सका, जो अभियान के तौर पर इस काम को अंजाम दे रहे हैं।”

क्या तीसरी लहर पर हम काबू कर सकते हैं या नहीं

डॉ पॉल ने याद दिलाया कि यदि कोविड से बचने के लिये उचित व्यवहार किया जाये और साथ में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके लगा दिये जायें, तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, “अगर कोविड को देखते हुये हम उचित व्यवहार करें और अपने को टीका लगवा लें, तो तीसरी लहर क्यों आयेगी? ऐसे तमाम देश हैं, जहां दूसरी लहर नहीं आई। अगर हम कोविड उचित व्यवहार का पालन करेंगे, तो यह समय भी गुजर जायेगा।”

तेज टीकाकरण सामान्य दिनों की तरफ वापसी की कुंजी

नीति आयोग के सदस्य ने तेज टीकाकरण के महत्व को रेखांकित किया, ताकि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को खोल सके और सामान्य कार्य-कलाप दोबारा शुरू हो सकें। उन्होंने कहा, “हमें जरूरत है कि हम अपना रोजमर्रा का काम कर सकें, अपना सामाजिक जीवन जी सकें, स्कूल खुल जायें, व्यापार चलने लगें, हम अपनी अर्थव्यवस्था की देखभाल कर सकें, तो हम ये सब तभी कर सकते हैं, जब हम तेज गति से टीकाकरण करेंगे।”

वैक्सीन जिंदगी बचा रही है, टीके लगवाने का सही वक्त आ गया है

डॉ. पॉल ने कहा कि टीके को असुरक्षित समझना भारी भूल है। उन्होंने कहा, “हमारी वैक्सीन की तरह ही दुनिया के सभी टीकों को आपातकालीन इस्तेमाल के लिये अनुमति दी गई है। समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने टीका लगवाया है। दूसरी लहर अब सिमट रही है और वैक्सीन लगवाने का यही सही वक्त है।”

डॉ. पॉल ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के फैसले ने दूसरी लहर के दौरान कैसे उनकी रक्षा की। उन्होंने कहा, “बहुत थोड़े से स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण हुआ, वरना हमारे अस्पताल खुद दूसरी लहर के दौरान ठप हो चुके होते। इसलिये कृपया सभी लोग निश्चिंत रहें, क्योंकि वैक्सीन हमें संक्रमण से बचाती है।”

रोजाना 1.25 करोड़ वैक्सीन लगाने की क्षमता भारत में है

राष्ट्रीयटीकाकरण तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा भी साक्षात्कार में शामिल हुये। उन्होंने कहा कि आज टीकाकरण की जो उपलब्धि हासिल की गई, वह अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर रोज कम से कम एक करोड़ व्यक्तियों को टीका लगायें। हमारी क्षमता ऐसी है कि हम हर दिन कोविड-19 वैक्सीन की 1.25 करोड़ खुराक लगा सकते हैं।” डॉ. अरोड़ा ने कहा कि निजी क्षेत्र के अच्छे सहयोग की बदौलत इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। जब संशोधित दिशा-निर्देश लागू हुये, उसी दिन यह उपलब्धि अर्जित की गई।अतीत में भारत की सफलता का उल्लेख करते हुये डॉ. अरोड़ा ने कहाः “यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है। एक सप्ताह में ही हमने लगभग 17 करोड़ बच्चों को पोलियो वैक्सीन दे दी थी। लिहाजा, जब भारत ने फैसला किया कि अब कुछ किया जाना चाहिये, तो हमने उसे हासिल कर लिया।” भारत का कोविड-19 टीकाकरण अभियान एक बड़ी मिसाल बन रहा है कि कैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मिलकर देश की समस्याओं का बेहतर समाधान निकालते हैं।

जन भागीदारी और जागरूकता वैक्सीन के प्रति हिचक दूर करने के लिये जरूरी

एनटीएजीआई के अध्यक्ष ने इस बात पर बल दिया कि टीकाकरण के प्रति अफवाहों और गलतफहमियों को दूर करने के लिये जन-भागीदारी और जागरूकता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, “जन-भागीदारी और जन-जागरण, टीकाकरण के भय को मिटाने के लिये बहुत अहम हैं। आखिर में यह लोगों के ही वश में है कि वे आगे आयें और टीके लगवायें।” उन्होंने टीकाकरण के बारे में जागरूकता फैलाने की तैयारियों का जिक्र किया और बताया कि आशा कर्मियों तथा अग्रिम मोर्चे के कर्मियों ने मैदानी स्तर पर काम शुरू कर दिया है, ताकि वैक्सीन के प्रति हिचक और शंका को दूर किया जा सके।

वैक्सीन आपूर्ति की कोई समस्या नहीं रहेगी

एनटीएजीआई के अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि वैक्सीन की उपलब्धता के संबंध में कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा, “अगले महीने हमारे पास लगभग 20-22 करोड़ खुराकें आ जायेंगी।” डॉ. अरोड़ा ने यह भी भरोसा दिलाया कि स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को इस तरह तैयार कर लिया गया है कि पहाड़ी, जनजातीय और इधर-उधर फैली आबादी वाले इलाकों सहित देश के कोने-कोने तक टीकाकरण अभियान पहुंच सके।

कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक के मौजूदा अंतराल को बदलने की जरूरत नहीं

कोविशील्ड टीके की खुराकों के बीच के अंतराल पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में डॉ. अरोड़ा ने कहा कि इस समय इस अंतराल को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रीय वैक्सीन ट्रैकिंग प्रणाली” के जरिये डेटा जमा कर रहे हैं। इसके साथ ही वैक्सीन के असर, खुराकों में अंतराल, क्षेत्रवार प्रभाव, वैरियंट्स का वास्तविक समय में मूल्यांकन भी कर रहे हैं। इस समय ऐसी जरूरत महसूस नहीं की जा रही है कि कोविशील्ड की खुराकों के अंतराल में कोई बदलाव किया जाये। मूल सिद्धांत यही है कि हमारे लोगों को वैक्सीन की हर खुराक का अधिकतम लाभ मिल सके। हमने पाया है कि मौजूदा खुराकें फायदेमंद साबित हो रही हैं।” उन्होंने कहा कि वैसे कोई भी बात पत्थर की लकीर नहीं होती।

 

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