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जयपुर, 19 जून। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर कब आ जाए, कोई नहीं जानता। ऎसे में, प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन का कार्य तेज गति से पूर्ण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ही कोरोना महामारी से बचाव के लिए मुख्य उपाय है। हमारा प्रयास हो कि वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप प्रदेश में गांव-ढाणी तक हर आयुवर्ग के लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन हो। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वैक्सीनेशन प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले में अब तक अव्वल रहा है और आगे भी इसी तरह बेहतरीन प्रबंधन के साथ हमें इस काम को गति देनी होगी, ताकि भविष्य में तीसरी लहर के संक्रमण के खतरे का असर कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सांसद एवं विधायक से लेकर पंच-सरपंच स्तर तक सभी जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में विशेष शिविरों के माध्यम से ऑनस्पॉट रजिस्टे्रशन कर लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। इन शिविरों में टेन्ट, पेयजल और बैठने के लिए समुचित व्यवस्थाएं की जाएं। साथ ही, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी वैक्सीनेशन साइट पर भीड़-भाड़ और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो।
वैक्सीनेशन शिविरों के प्रबंधन में स्थानीय सरपंच, पंच, बीएलओ, ग्राम सेवक एवं पटवारी आदि का सहयोग लिया जाए। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों, औद्योगिक संगठनों एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विशेष शिविर आयोजित किए जाएं।
श्री गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन के दौरान आयोजित किए जाने वाले शिविरों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही, लोगों को वैक्सीनेशन की जगह एवं दिन के संबंध में समय पर जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 7 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है और वैक्सीन वेस्टेज एक प्रतिशत से भी कम रहा है। यह वैक्सीनेशन में राजस्थान के उत्कृष्ट प्रबंधन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में चलाए गए व्यापक जागरूकता अभियान के कारण लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां दूर हुई हैं।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में वैक्सीनेशन को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण किया जाए।
चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि वैक्सीनेशन शिविराें में व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि लोगों को इसके संबंध में सूचना समय पर मिले और इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की सक्रिय भागीदारी रहे।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि अधिक जनसंख्या वाले गांवों में वैक्सीनेशन शिविर के लिए वार्ड संख्या के आधार पर व्यवस्था की जा सकती है। इसमें सरपंच तथा ग्राम सेवक के साथ-साथ वार्ड पंचों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन शिविरों को लेकर की जा रही तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित कोटे के अनुरूप जितनी वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है, उसे लगाने का कार्य तेज गति से सम्पादित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की आवश्यकता नहीं होगी तथा शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन ऑनसाइट रजिस्टे्रशन के माध्यम से किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में अधिक से अधिक वर्कसाइट वैक्सीनेशन किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।