अस्पताल में संस्था के पदाधिकारियों ने दिया पचास हजार का चैक
गुरुग्राम : छह महीने का बच्चा और दिल में छह छेद। सुनकर किसी का भी कलेजा मूंह को आ जाए। इस पर भी उस माता-पिता की हालत का अंदाजा लगाईये जिन्हें एम्स जैसे अस्पताल द्वारा लम्बी वेटिंग के चलते ऑपरेशन की तिथि देने से मना कर दिया गया हो और आर्थिक तंगी के कारण किसी बड़े अस्पताल में भर्ती कराने की हिम्मत न जुटा पा रहे हों।
मंथन नाम के इस मासूम बच्चे के इलाज के लिए जब कोई हाथ नहीं बढ़ा तो निस्वार्थ कदम संस्था ने अपने कदम बढ़ाए और गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल पहुंचकर इस बच्चे के ऑपरेशन के लिए उसके परिजनों को पचास हजार की सहयोग राशि दी। इसके अलावा निस्वार्थ कदम संस्था के पदाधिकारियों ने मंथन के ऑपरेशन में और भी सहयोग करने के लिए आर्थिक रूप से सामर्थ लोगों से संपर्क करने का अभियान छेड़ दिया है।
निस्वार्थ कदम संस्था के पदाधिकारियों को जब पता चला कि गुडग़ांव के कृष्ण नगर के निवासी रिषिराज पिछले छह माह से अपने छह माह के बेटे मंथन, जिसके दिल में छह छेद हैं को लेकर विभिन्न अस्पतालों में घूम रहे हैं और आर्थिक तंगी के चलते वे अपने बेटे का ऑपरेशन नहीं करा पा रहे हैं। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स से भी उन्हें कह दिया गया कि यहां हमारे पास जल्दी ही ऑपरेशन संभव नहीं है और बच्चे को तुरंत ऑपरेशन की जरूरत है तो रिषिराज घबरा गए।
ममता से तड़पते माता-पिता ने अपने दिल के टुकड़े को दिल के ऑपरेशन के लिए गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती तो करा दिया, लेकिन यहां भी उनके पास पैसे नहीं बन पा रहे थे। जब यह सूचना किसी माध्यम से निस्वार्थ कदम के महासचिव अरविंद सैनी तक पहुंची तो उन्होंने संस्था के एनआरआई अध्यक्ष प्रमोध राघव से इस संबंध में चर्चा की और तुरंत यह फैसला लिया गया कि बच्चे के ऑपरेशन के लिए फिलहाल पचास हजार का चेक दिया जाए और इसके अतिरिक्त सहायता के लिए अन्य लोगों से संपर्क शुरू किया जाए।
इसके बाद पचास हजार रुपए का चेक लेकर अरविंद, श्रवण दूबे और अमरजीत कटारिया मेदांता पहुंचे। यहां उन्होंने दिल के सीनियर डॉक्टर एके दूबे की मौजूदगी में मंथन के पिता रिषिराज व माता को पचास हजार की सहयोग राशि का चेक थमाया। सहयोग राशि स्वीकार करते समय भावुक हुए मंथन के पिता रिषिराज के मुताबिक वह ताई कवांडो की कोचिंग देकर महीने में मुश्किल से 7500 रुपए कमाता हूं। बच्चे के दिल में छेद होने की रिपोर्ट को लेकर विभिन्न जगह आर्थिक सहयोग के लिए धक्के खाए। इसके लिए मंथन की फोटो सहित सहयोग का एक मैसेज वाट्सएप पर वायरल किया गया। जिसके बाद निस्वार्थ कदम संस्था ने सीधे अस्पताल में पहुंचकर मुझे ऑपरेशन के लिए राशि उपलब्ध कराई।
संस्था के अध्यक्ष प्रमोद राघव ने कहा कि किसी का जीवन बचाने से बड़ा धर्म कोई नहीं। निस्वार्थ कदम का उद्देश्य समाज कल्याण है और अपनी सामर्थ के अनुसार अपने इस उदेद्श्य की पूर्ति के लिए संस्था द्वारा कदम बढ़ाए जा रहे हैं। संस्था के महासचिव अरविंद सैनी के मुताबिक पचास हजार रुपए की राशि देने के अतिरिक्त सहयोग के लिए विभिन्न लोगों से बात की जा रही है, अगर और राशि आती है तो मंथन के परिजनों तक पहुंचाई जाएगी।