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गुरूग्राम : सलाखों के पीछे रहने वाले बंदियोें के जीवन में बदलाव लाया जा सके इसके लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर अनूठी पहल की शुरुआत की है। जिसके तहत एक ओर जहां बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनसे कपडे़ के थैले बनवाकर उन्हें आर्थिक मद्द दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर उनके स्वास्थ्य का ध्यान भी रखा जा रहा है। आज स्थानीय जिला कारागार भोंडसी में नगर निगम, जिला प्रषासन, रैडक्राॅस सोसायटी, स्वस्थ्य परिवार-एक प्रयास एवं एक उडान सामाजिक संगठन के सहयोग से सैंकड़ों बंदियों के लिए नेत्र जाँच शिविर एवं निःषुल्क चश्मा वितरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें चिकित्सकों की टीम व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सैंकड़ों बंदियों की आंखों की जाँच की और उन्हें चष्मे वितरित किए।
नेत्र जाँच षिविर का षुभारम्भ जेल अधिक्षक हरेन्द्र सिंह, उप-अधिक्षक जेल देवीदयाल तंवर एवं रैडक्राॅस सोसायटी के सचिव ष्याम सुन्दर ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर उन बंदियोें को भी चष्में वितरित किए गए जो बंदी वृद्व थे और उन्हें चष्में की नितांत आवष्यकता थी। जिला उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त टी.एल. सत्यप्रकाष के निर्देष पर लगाए गए नेत्र जाँच षिविर में एक उड़ान संस्था की अध्यक्ष श्रीमती कल्याणी एवं उनकी टीम व स्वस्थ्य परिवार-एक प्रयास से रितु एवं कपूर की टीम के साथ-साथ अनेक सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। जेल अधिक्षक हरेन्द्र सिंह एवं देवीलाल तंवर ने विषेष रूप से जिला प्रषासन का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके सार्थक प्रयास से जिला कारागार मंे काफी सामाजिक गतिविधियां षुरू की जा चुकी है जिनका जेल के बंदियों पर अच्छा असर पड़ेगा।
उन्होंने जिला उपायुक्त टी.एल. सत्यप्रकाष का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर रैडक्राॅस सचिव ष्याम सुन्दर ने बंदियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिला प्रषासन के मार्गदर्षन में जेल परिसर में अनेक कार्य बंदियों के कल्याण के लिए षुरू किए गए है। जिसमें कपड़े के थैले की यूनिट लगाने के साथ ही बंदियों के परिवार के बच्चों की पढाई की जिम्मेदारी भी ली है जिससे कि बंदियों के जीवन को मुख्य धारा मंे लाया जा सके और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाया जा सके।
नगर निगम आयुक्त एवं जिला उपायुक्त टी.एल. सत्यप्रकाष का कहना है कि जिला कारागार में सामाजिक संगठनों को साथ लेकर अनेक सामाजिक गतिविधियां षुरू करने की योजना बनाई गई है जो सामाजिक संगठन काम करना चाहते है वो रैडक्राॅस सोसायटी से सम्पर्क कर सकते है। उन्होनंे बताया कि अभी तक जेल के बंदियों द्वारा हजारों कपडे के थैले बनाए गए है जिन्हें बगैर लाभ हानि के आम-जन को वितरित किए है। अब तक एक लाख से अधिक कपड़े के थैले आम-जन के बीच पहुँचाया जा चुके है।