ईंट भट्टों में दब रहा मेवात का बचपन, भविष्य से खिलवाड़

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ईंट भट्टों में दब रहा मेवात का बचपन, भविष्य से खिलवाड़ 2नाम बिजली भटटा, लेकिन जलाने में हो रहा है प्रतिबंधित सामान का इस्तेमाल 

यूनुस अलवी 

मेवात : मेवात जिला के टाईं गांव स्थित विकास ब्रिक्स सेंटर यानि ईंट भटटे पर बच्चों के बच्पन और भविष्य से खिलवाड किया जा रहा है। जहां पर बच्चों को शिक्षा देने कि बजाये उनसे बाल मजदूरी कराई जा रहा है। कहने को तो यह बिजली भटटा है लेकिन भटटे पर ईंटों को पकाने के लिये प्रतिबंधित सामानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भटटे से निकलने वाले धूऐं से लोगों का जीनामुहाल हा रहा है। यह सब देखते हुऐ भी ऐसे भटटा संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने कि बजाऐ जिला प्रशासन आंख मूंदे बेठा है। वहीं गांव के प्रमुख लोगों का आरोप है कि इसकी शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं कि जा रही है। गांव के लोगों ने चेतावनी देते हुऐ कहा कि वे इस मामले को अदालत में लेकर जाऐगें।

 

  गांव टाईं निवासी मोहम्मद आरिफ टाई ने बताया कि नियम के अनुसार ईंट भटटों पर शौचालय, पीने का पानी, बच्चों के शिक्षा का इंतजाम होना चाहिये लेकिन ऐसा कुछ नहीं हैं। उनके गांव टाई में विकास ब्रिक्स सेंटर यानि ईंट भटटा जिसपर एवन नाम से ईंटे बनाई जाती हैं। इस भटटे को बिजली का भटटा प्रदूषण रहित बताकर लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। यहां भटटा मालिक दावा करता है कि उनके यहां सभी सहूलियतें मौजूद हैं जबकी मामला सारा उलट है। उनका आरोप है कि भटटे पर टायर का बुरादा, कार्बन पाउडर और नमक का भी इस्तमाल किया जाता है जो की कानूनन अपराध है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।

 

   टाई गांव के आमीन का कहना है की इस भट्टे से काफी नुकसान हो रहा है। यह गांव के बहुत नजदीक है। जब यह भटटा बनाया जा रहा था तब उन्होने और गांव के लोगों ने काफी विरोध किया था लेकिन उनको यह कहकर चुप करा दिया था कि यह बिजली का भटटा बन रहा है तो पूरी तरह प्रदूषण रहित होगा लेकिन यहां तो सामान इस्तेमाल किया जाता है उससे काफी नुकसान हो रहा है।

 

 समाज सेवी जमील, महमूद खान और इस्लाम उर्फ़ काला निवासी टाई का कहना है की सरकार की योजनाओ में हर भट्टे पर शौचालय होने चाहिए लेकिन टाई के इस भटटे पर भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान कि घज्जिया उठाई जा रही हैं। भटटों पर रहने वाले सैंकडों लोग खुने में शौच के लिये जाते हैं।

 

ऐसे में अगर पूरा मेवात भी शौच मुक्त हो जाये तो यह मिशन अधूरा ही रहेगा। क्योंकि जब तक मेवात जिला स्थित सभी भटटों पर शौचालय नहीं बना दिये जाते तब इसे पूरा नहीं माना जा सकता है। उनका कहना है कि भटटों पर रहने वाले लोग अपने बच्चों को पढाना चहाते हैं, वे भी मेवात को खुले में शौचमुक्त बनने का एक हिस्सा चहाते हैं। लेकिन यहां पर पीने के पानी, शौचालय, बच्चों को  पढाने के लिए अध्यापकों कि कोई सुविधा नहीं हैं।  उनका कहना है कि प्रशासन ने इस भटटे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कि तो उनको मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पडेगा।

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