बॉम्बे हाईकोर्ट ने रमजान के महीने में मस्जिदों में नमाज पढ़ने की नहीं दी अनुमति

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मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने रमजान के महीने में मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग सम्बन्धी जुमा मस्जिद ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे ठुकरा दिया. याचिका के माध्यम से ट्रस्ट ने 50 लोगों के साथ 5 वक्त नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग की  थी। हालाँकि कोर्ट ने मामले में सुनावई करते हुए साफ कहा दिया कोविड संक्रमण के दौरान लोगों की सुरक्षा धार्मिक रीति का अनुसरण करने से अधिक जरूरी है।

मुंबई हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति आरडी धानुका और वीजी बिष्ट की डिविजन बेंच ने सुनवाई के दौरान ट्रस्ट की याचिका में की गई माँग को अस्वीकार कर दिया. हालांकि याचिकाकर्ता का तर्क था कि ने एक एकड़ में फैली मस्जिद में एकबार में करीब 7 हजार लोग नमाज के लिए आते हैं। कोरोना संक्रमण की दृष्टि से मस्जिद में एक समय में केवल 50 लोगों के नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाए। याचिका में ट्रस्ट की ओर से कोविड-19 प्रोटोकॉल का  पालन करने का वायदा किया गया था। लेकिन कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

याचिकाकर्ता ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के 12 अप्रैल के फैसले को भी उधृत किया था, जहाँ कोरोना प्रोटोकॉल के साथ नमाज पढने की अनुमति दी गई, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि दिल्ली और मुंबई की स्थिति में काफी अन्तर है. यहाँ स्थिति बेह्फ़ ख़राब है. मामले में महाराष्ट्र सरकार की वकील ने भी याचिका का विरोध किया और कोर्ट से इन्हें अनुमति नहीं देने की अपील की.

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