प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. राघवन ने दिया मशीन शिक्षण में डिजाइन और प्रशिक्षण पर बल

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नई दिल्ली : भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के. विजय राघवन ने स्थायी, समावेशी विकास के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए डिजाइन के सभी क्षेत्रों में मुक्‍त उद्यमिता को प्रोत्‍साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रोफेसर विजय राघवन ने यह विचार 34वें टीआईएफएसी स्‍थापना दिवस के समारोह के अवसर पर आयोजित ‘रीबूट, रिइन्वेंट एंड रिसाइलेंस – रोड अहैड’ विषय पर वार्तालाप के दौरान व्‍यक्‍त किए।

उन्‍होंने कहा कि डिजाइन से जुड़े केन्द्रित क्षेत्रों में तेजी से वृद्धि के लिए विनिर्माण को मूल रूप में डिजाइन के साथ वितरित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि उत्पादों के नमूनों और विनिर्माण को स्थानीय स्तर पर उद्यमियों द्वारा तैयार किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि डिजाइन कंपनियों के प्रमुखों और भारतीय अकादमियों से जुड़े विनिर्माणकर्ताओं को प्रोत्‍साहन देना चाहिए, ताकि उनमें दुनिया में कहीं भी किसी भी तरह के उत्पाद बनाने का विश्वास उत्‍पन्‍न हो सके। प्रोफेसर राघवन ने कहा कि हमें एक ऐसे चरण में पहुंचना चाहिए, जहां हम उत्पादों को बना सकें, उन्हें डिजाइन कर सकें और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले डिजाइन का निर्यात कर सकें।

उन्होंने यह भी कहा कि शक्ति के आधार के रूप में ज्ञान के वितरण के लिए गणित, सांख्यिकी, और कंप्यूटर विज्ञान शिक्षण का व्‍यापक स्‍तर पर और मशीन अधिगम आधारित निर्णयों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, जो सामान्य रूप से हमारी आबादी के लिए इन विषयों के शिक्षण से मिलने वाले परिणामों के लिए आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों जैसे स्‍थलों पर शोध को बढ़ाने की आवश्यकता है, जहां हमारे 90 प्रतिशत छात्र जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि इस बार बजट में “नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के कुछ विवरणों की घोषणा की गई है, जो सामान्य रूप से अनुसंधान और लोगों तक पहुंच बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण के माध्‍यम से मदद कर सकता है।

उन्होंने देश के अभिनव और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए रिबूटिंग, रिइन्वेन्टिंग और रिसाइलेंस के लिए पूरे वैज्ञानिक समुदाय की भागीदारी का आह्वान किया।

डीएसटी के तहत टीआईएफएसी एक स्वायत्त संगठन है जो प्रौद्योगिकी दूरदर्शिता पर शोध के माध्‍यम से प्रौद्योगिकी विकास को सुविधाजनक बनाता है और इसे सहायता प्रदान करता है। इसके साथ-साथ यह प्रौद्योगिकी से जुड़ी व्यापार अवसर जानकारियों को जुटाता है और मिशन-मोड कार्यक्रमों को लागू करता है।

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