- सीएमजीजीए के प्रौजेक्ट डायरेक्टर डा. राकेश गुप्ता ने की प्रयासों की सराहना
गुरुग्राम्, 02 फरवरी। प्रसव पूर्व भ्रूण की लिंग जांच करने वालों पर गुरूग्राम जिला में सख्ती की जा रही है। जिला प्रशासन की टीम गुरूग्राम जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे जिलों तथा पड़ौसी राज्यों में भी रेड डाल रही है। पिछले एक वर्ष में इस टीम ने 14 रेड डाली हैं जिनमंे आठ अंतर्राज्यीय तथा तीन अंतरजिला रेड थी। आखिरी रेड 29 जनवरी 2021 को दिल्ली के नजफगढ़ में डाली गई जिसमें सात आरोपियों को गिरफतार किया गया और उनसे 75 हजार रूप्ए की राशि भी बरामद की गई।
इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी परियोजना के परियोजना निदेशक डा. राकेश गुप्ता ने गुरूग्राम जिला की प्रशंसा की और कहा कि भ्रूण की लिंग जांच करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए गुरूग्राम जिला में अच्छा काम हो रहा है। डा. गुप्ता आज चण्डीगढ़ मुख्यालय से वीडियांे काॅन्फें्रसिंग के माध्यम से पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
इस बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम जिला का पिछले तीन महीने का लिंग अनुपात 967 है जोकि प्रदेश में सबसे बेहतर है। पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो गुरूग्राम जिला का लिंग अनुपात वर्ष 2020 में 921 का रहा। हरियाणा प्रदेश का पिछले वर्ष के दौरान जन्म के समय लिंगानुपात 922 का दर्ज किया गया है।
आज की बैठक में डा. गुप्ता ने पोक्सो एक्ट को लागू करने की भी समीक्षा की और उन्होंने इस एक्ट के तहत मामलों की न्यायालय में पैरवी ढंग से करके दोषियों को सजा दिलवाने को कहा। गुरूग्राम जिला में अप्रैल से नवंबर 2020 तक 107 एफआईआर इस एक्ट के तहत दर्ज की गई हैं तथा 434 मामले न्यायालयों में विचाराधीन हैं।
पीड़ित महिलाओं की मदद करने तथा उन्हें राहत पहुंचाने के लिए खोले गए वन स्टोप सैंटर के संचालन की भी डा. राकेश गुप्ता ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ये सैंटर पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए सप्ताह के सातो दिन 24 घंटे खुले रहें ताकि किसी भी महिला को मदद प्राप्त करने में कठिनाई ना हो।
बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम जिला में जनवरी महीने में 28 महिलाएं वन स्टोप सैंटर में मदद मांगने के लिए पहुंची हैं। इससे पिछले महीने दिसंबर में 26 महिलाएं आई थी। डा. गुप्ता ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौवन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम की पालना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध करवाने के लिए हर सरकारी तथा निजी संस्थाओं के कार्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। बैठक में बताया गया कि गुरूग्राम जिला में 50 आंतरिक शिकायत समितियों का गठन किया जा चुका है।