भाजपा ने असम, केरल , तमिलनाडु व पुड्डुचेरी विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया

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सुभाष चौधरी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा उन राज्यों का दौरा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी ने चुनावी कमान सम्भालने के लिए वरिष्ठ नेताओं व मंत्रियों को चुनाव प्रभारी करने की घोषणा की है।

पार्टी अध्यक्ष के पी नड्डा ने केरल, असम, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के लिए चुनाव प्रभारियों का ऐलान कर दिया। पार्टी महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी पत्र में असम के चुनाव प्रभारी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,सह प्रभारी केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, तमिलनाडु के लिए जी किशन रेड्डी और जे वी के सिंह , केरल के लिए प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डॉ अश्वथ नारायण जबकि पुड्डुचेरी के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर के नाम की घोषणा की है।

असम में भाजपा की सरकार है जबकि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक की जहां उनसे भाजपा का चुनावी गठबंधन है। केरल में वामपंथी पार्टी का शासन है जा की पुड्डुचेरी में कांग्रेस पार्टी शासन में है। इस बार भाजपा नेतृत्व गैर भाजपा शासित तीनो राज्यों में सत्ता में आने की कोशिश में जुटी हुई है। इसलिए ये चारों राज्य भाजपा के लिए बेहद अहम हैं क्योंकि आगे पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में भी विधानसभा चुनाव होना है जहां ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से भाजपा का कड़ा मुकाबला है ।

माना जा रहा है कि चार राज्यों के चुनाव के परिणाम बंगाल की राजनीतिक हवा को भी प्रभावित कर सकते हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी दक्षिण के राज्यों में खास कर केरल में स्वयं को वामपंथ का मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करना चाहती है।

हाल ही में आये चुनावी सर्वे में आसम में भाजपा की अच्छी स्थिति जबकि केरल में वामपंथ को मजबूत बताया गया था। इसी तरह पुड्डुचेरी में कांग्रेस के खिलाफ और अन्नाद्रमुक के पक्ष में हवा बहने के आसार व्यक्त किया गए जबकि तमिलनाडु में डीएमके की सत्ता वापसी की संभावना जताई गई थी। अगर इस सर्वे के अनुरूप हालात रहे तो भाजपा केवल असम में ही सत्ता में पुनः काबिज हो पाएगी। लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने गैरभाजपा शासित तीनों ही राज्यों में चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। केरल में अकेले दम पर वामपंथ को टक्कर देगी जबकि पुड्डुचेरी और तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के साथ चुनावी गठबंधन है। पुड्डुचेरी में कांग्रेस से सामना है जबकि तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस के गठबंधन से।

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