नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार:
जनवरी 2021 के लिए मौसम का पूर्वानुमान
तापमान संभावना (चित्र 10ए, 10बी और 10सी) जनवरी 2021 के लिए क्रमश: उपखंडीय संभावित पूर्वानुमान और उपखंड औसत न्यूनतम औसत अधिकतम और औसतन तापमान विसंगतियां (दीर्घकालीन सामान्य में बदलाव) दर्शाते हैं।
न्यूनतम तापमान (चित्र 10ए) के लिए संभावित पूर्वानुमान यह दर्शाते हैं कि पश्चिम राजस्थान, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा चंडीगढ़ और दिल्ली (एचसीडी), उप-हिमालयी पश्चिम-बंगाल और सिक्किम (एसएचडब्ल्यूबी), झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मराठावाड़ा और विदर्भ, पंजाब, पूर्व और पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम-बंगाल के गंगा मैदान (जीडब्ल्यूबी), तेलंगाना और उत्तरी-अंदरूनी कर्नाटक (एनआईके) के उपखंडों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में जलवायु से संबंधित परिवर्तन होने की संभावना व्यक्त की गई है।
देश के अन्य उपखंडों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
अधिकतम तापमान (चित्र 10बी) के लिए संभावित पूर्वानुमान यह दर्शाते हैं कि उप-प्रायद्वीपीय भारत के सभी उपखंडों और मध्य भारत के अधिकांश उपखंडों (पश्चिम और पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र) तथा पश्चिमी के भारत (गुजरात क्षेत्र और सौराष्ट्र और कच्छ) के कुछ उपखंडों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
औसत तापमान (चित्र 10सी) के लिए संभावित पूर्वानुमान यह दर्शाते हैं कि भारत के अधिकांश उपखंडों में औसत तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्रप्रदेश और हिमालयी और उत्तर-पूर्व भारत की पहाडि़यों के साथ लगने वाले अधिकांश उपखंडों में औसत तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। केरल और तमिलनाडु में औसत तापमान सामान्य रहने की संभावना है।
बारिश का पूर्वानुमान
सप्ताह के दौरान वर्षा 1: (07 से 13 जनवरी, 2021)
- अफगानिस्तान के पश्चिमी भागों और मध्य तथा ऊपरी ट्रोपोस्फेरिक स्तरों के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में छिटपुट हल्की बारिश होने, बर्फबारी होने तथा 08 जनवरी, 2021 को पंजाब, हरियाणा, पूर्वोत्तर राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश होने की संभावना है। बाद के 5-6 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में मौसम में परिवर्तन होने की उम्मीद नहीं है।
- दक्षिण-पूर्वी अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण तथा दक्षिण तमिलनाडु तट और निचले ट्रॉस्फॉस्फेरिक स्तरों में आसपास के क्षेत्रों में अन्य चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के कारण अगले 2-3 दिनों के दौरान दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में दूर-दूर तक बारिश के साथ-साथ कहीं-कहीं पर सामान्य रूप से बादल गरजने और बिजली कड़कने के साथ-साथ भारी बारिश होने संभावना है।
- निचले ट्रॉस्फॉस्फेरिक स्तरों पर कर्नाटक तट से महाराष्ट्र तक कम स्तर पर पूर्वी दिशा में कम दबाव का क्षेत्र बनने से अगले 2 दिनों के दौरान महाराष्ट्र में कहीं-कहीं पर सामान्य रूप से बादल गरजने और बिजली कड़कने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।
- पूर्वी तेज लहर के ताजा प्रभाव से 10 से 11 जनवरी, 2021 को तमिलनाडु, पुदुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में दूर-दूर तक अच्छी और कहीं-कहीं व्यापक रूप से व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
- इस सप्ताह के दौरान देश के बकाया हिस्सों में महत्वपूर्ण वर्षा होने की संभावना नहीं है।
- दक्षिण प्रायद्वीप और मध्य भारत में कुल मिलाकर पहले सप्ताह के दौरान (चित्र 11 और 12) सामान्य से अधिक वर्षा तथा पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने/हिमपात होने की संभावना।
दूसरे सप्ताह के दौरान वर्षा: (14 से 20 जनवरी, 2021)
कोई भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ न होने के कारण पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश होने/बर्फबारी होने की संभावना है। ताजा पश्चिमी लहर के कारण दक्षिणी भारत (चित्र 11 और 12) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
तीसरे सप्ताह के दौरान वर्षा: (22 से 28 जनवरी, 2021)
सुदूर दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक तथा पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। देश के शेष भागों में शुष्क मौसम (चित्र 11 और 12) रहेगा।
1 अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2020 के दौरान दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत में उत्तर-पूर्व मानसून वर्षा की स्थिति-
पांच मौसम संबंधी उपखंड अर्थात तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण प्रायद्वीप के दक्षिण अंदरूनी कर्नाटक का दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में पूर्वोत्तर मानसून मौसम (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान वार्षिक वर्षा की लगभग 30 प्रतिशत बारिश होती है विशेष रूप से इस मौसम के दौरान तमिलनाडु उसकी वार्षिक वर्षा की लगभग 48 प्रतिशत बारिश होती है। चित्र-1 से इन पांच उपखंडों की तुलना में समग्र रूप से पूर्वोत्तर मानसून वर्षा (एनईएमआर) को दर्शाता है। इस एनईएमआर से पता चलता है कि अक्टूबर-दिसंबर 2020 के दौरान 33.76 सेमी की दीर्घावधि औसत की तुलना में वास्तविक वर्षा 10.3 प्रतिशत अधिक रही है। यह पिछले 5-वर्षों (2016-2020) के दौरान सबसे अधिक बारिश है।
वर्ष 2020 में तमिलनाडु में एनईएमआर की प्रगति सबसे अधिक परिवर्तनशील रही है हालांकि 1 अक्टूबर से 11 नवंबर के दौरान सामान्य से -46 प्रतिशत तक मौसम के संचयी वर्षा प्रस्थान के साथ 11 नवंबर तक इसमें कमी आ गई थी। तथापि, नवंबर 2020 के दूसरे पखवाड़े और दिसंबर 2020 के पहले सप्ताह के दौरान तमिलनाडु पुदुचेरी और उसके आसपस के दक्षिण-पूर्व प्रायद्वीप में वर्षा में काफी बढ़ोतरी रही। ऐसा इस अवधि के दौरान तमिलनाडु में एक के बाद एक दो चक्रवातो के पैदा होने और आगे बढ़ने के कारण हुआ। 21 से 27 नवंबर के दौरान बंगाल की खाड़ी में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान निवर उत्तरी तमिलनाडु की ओर बढ़ा था। चक्रवाती तूफान ‘ब्यूरवी’ (पहली 3 दिसंबर 2020) चक्रवाती तूफान के रूप में श्रीलंका को पार कर गया और 2 दिसंबर 2020 को मन्नार की खाड़ी में उभरा। इसके बाद 03 दिसंबर को यह पंबन के निकट दक्षिण तमिलनाडु तट को पार कर गया। यह बाद में एक गहरे विक्षोभ के रूप में कमजोर हो गया और उसी शाम को रामनाथपुरम जिले के तट के निकट मन्नार की खाड़ी में आ गया। इसके बाद यह उसी क्षेत्र में गहरे विक्षोम में कमजोर होकर अगले 36 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा। इसके परिणामस्वरूप 1 अक्टूबर से 9 दिसंबर 2020 की अवधि के दौरान तमिलनाडु में सामान्य से प्रस्थान के संदर्भ में संचयी वर्षा में तमिलनाडु में 2 दिसंबर तक सुधार हुआ और 9 दिसंबर 2020 तक अधिक बारिश हुई। हालांकि इसके बाद 10- 31 दिसंबर के दौरान किसी प्रमुख मौसम प्रणाली के अभाव के कारण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण बारिश नहीं हुई। तमिलनाडु में 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के दौरान संचयी एनईएमआर में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई।
2. देशभर में मासिक वर्षा का परिदृश्य (01 से 31 दिसंबर, 2020)
दिसंबर 2020 में पूरे देश में कुल 17 मिमी वर्षा हुई, जो दीर्घकालीन औसत 17.4 मिमी की तुलना में 2 प्रतिशत कम है, लेकिन दक्षिण प्रायद्वीप की तुलना में एलपीए से 53 प्रतिशत अधिक है। इसका विवरण नीचे दिया गया है:
दिसंबर 2020 के दौरान भारत में वर्षा
क्षेत्र वास्तविक बारिश (मिमी) सामान्य बारिश (मिमी) एलपीए से प्रस्थान प्रतिशत
समग्र रूप से पूरे देश में 17 17.4 -2%
उत्तर पश्चिम भारत 16 21 -24%
मध्य भारत 4.4 6.7 -34%
दक्षिण प्रायद्वीप 51.2 33.4 53%
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत 3.2 13 -75%
इस महीने के दौरान 6 उप-खंडों में बहुत अधिक, 3 में अधिक, 5 में सामान्य बारिश हुई जबकि शेष उपखंडों में कम या बहुत कम वर्षा (संदर्भ चित्र-3) हुई। बारिश मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी भागों, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुज़फ़्फ़राबाद और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों तक सीमित रही। उत्तरी मैदानों, मध्य, पूर्वी भागों और पूर्वोत्तर भारत में मास के दौरान हल्की वर्षा हुई (चित्र 2 देखें)।
3. भारी वर्षा की घटनाओं की आवृत्ति
भारी वर्षा की घटनाओं की घटनाओं को चित्र-4 में दिखाया गया है।
- माह के एक दिन तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल में कुछ स्थानों पर भारी, बहुत भारी और अधिक भारी बारिश हुई।
- इस मास के दौरान पांच दिनों में तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल में छिटपुट स्थानों पर भारी से भारी बहुत भारी वर्षा हुई।
- तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और रायलसीमा में तीन दिनों में छिटपुट स्थानों भारी वर्षा हुई। तटीय आंध्र प्रदेश और यनम और लक्षद्वीप में दो दिन तथा केरल और माहे और अंडमान और निकोबार द्वीपों में एक दिन बारिश हुई।
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