हरियाणा में प्रॉपर्टी डीलर्स पर कसेगा शिकंजा : लगभग दो दर्जन बिल्डरों और ब्रोकर्स के खातों का होगा फोरेंसिक ऑडिट

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खरीदारों और विक्रेताओं से संयुक्त रूप से एक प्रतिशत से अधिक कमीशन वसूलने पर प्रतिबंध

चण्डीगढ़, 27 अक्तूबर- हरियाणा में रियल एस्टेट के खरीदारों के हित में पहली बार ब्रोकर्स की नापाक हरकतें जांच के दायरे में हैं और उनके विरूद्घ सख्त कार्रवाई की संभावना है। हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम के अध्यक्ष डॉ. के.के. खंडेलवाल और सदस्य एस.सी.कुश ने इस मामले में संज्ञान लिया है कि प्रॉपर्टी डीलर्स संपत्ति विक्रेताओं के साथ-साथ खरीदारों से मनमाना कमीशन वसूल रहे हैं। रियल एस्टेट की पंजीकृत परियोजनाओं के लिए हरेरा ने हरियाणा प्रापर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक अधिनियम,2008 के तहत बनाए गए हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक नियम,2009 में निर्धारित से अधिक कमीशन नहीं लेने पर सभी प्रमोटरों और ब्रोकर्स को प्रतिबंध आदेश जारी करने का निर्णय लिया है। उक्त नियमों के नियम 10 में संपत्ति के विक्रेता एवं खरीददार द्वारा भुगतान के लिए सहमत मूल्य पर एक प्रतिशत कमीशन का प्रावधान है अर्थात वैध रसीद के तहत डीलर के रजिस्टर में दर्ज उनके समझौते के अनुसार सौदे के अंतिम रूप पर उनमें से प्रत्येक को आधा-आधा प्रतिशत का भुगतान करना होता है।


प्रॉपर्टी डीलर/ब्रोकर्स प्रोमटर्स के साथ सांठगांठ करके गलत व्यवहार कर रहे हैं और विक्रेताओं और खरीदारों दोनों से निर्धारित कमीशन से अधिक मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। यह पता चला है कि संपत्ति के मूल्य का 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक कमीशन एजेंट द्वारा वसूला जा रहा है और इस अतिरिक्त कमीशन का बोझ अंतत: आवंटी द्वारा सांझा किया जाता है।


हरियाणा प्रापर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक अधिनियम,2008 के तहत संबंधित उपायुक्त द्वारा प्रॉपर्टी डीलर/ब्रोकर्स को लाइसेंस दिए जाते हैं। पंजीकृत परियोजना की रियल एस्टेट डील के लिए बातचीत/मध्यस्थता करने के लिए प्रॉपर्टी डीलर का पंजीकरण रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 9 के तहत रेरा द्वारा किया जाता है और पंजीकरण तब इस शर्त के अधीन होता है कि रियल एस्टेट एजेंट उस समय लागू होने वाले किसी अन्य कानून के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करेगा। तदनुसार, सभी रियल एस्टेट एजेंट्स को यह चेतावनी दी जाती है कि वे नियमों में निर्धारित से अधिक कमीशन नहीं लें। ऐसा करना कानून के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाएगा।
अध्यक्ष डॉ. के.के. खंडेलवाल ने बताया कि हरेरा, गुरुग्राम प्रॉपर्टी डीलर्स के लिए आचार संहिता निर्धारित करने की प्रक्रिया में है और सुनिश्चित किया जाएगा कि वे ऐसे मानदंडों का पालन करें जिससे ब्रोकर किसी भी अनुचित व्यापार प्रक्रिया में संलिप्त न हों।


प्राधिकरण के नोटिस में यह भी आया है कि कुछ प्रॉपर्टी डीलर्स किसी विशेष मानक या ग्रेड की सेवाओं को गलत तरीके से दर्शा रहे हैं और परियोजना की सेवाओं एवं अनुमोदन के संबंध में गलत या भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। रियल एस्टेट एजेंट/ब्रोकर नई परियोजनाओं के विज्ञापन जारी करने में भी शामिल हैं जो आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। आचार संहिता प्रॉपर्टी डीलर्स द्वारा रखे जाने वाले खातों की अतिरिक्त पुस्तकों को संरक्षित करेगी, ताकि यह जांच की जा सके कि कमीशन कानून के अनुसार वसूल किया जा रहा है या नहीं। इसके अतिरिक्त, इससे लेनदेन का रिकॉर्ड भी रखा जा सकेगा जिसे खरीददार और ब्रोकर्स के बीच विवाद होने के मामले में प्राधिकरण द्वारा जारी किया जा सकता है।


डॉ. खण्डेलवाल ने कहा कि यह भी नोटिस में आया कि कुछ ब्रोकर्स/प्रॉपर्टी डीलर्स अनधिकृत कॉलोनियों की बिक्री में भी संलिप्त हैं। ऐसे ब्रोकर्स पर सख्त नजर रखी जा रही है ताकि उनके पंजीकरण रद्द किए जा सकें और उनके खिलाफ कानून के अनुसार आपराधिक/सिविल कार्रवाई शुरू की जा सके। ब्रोकर्स के लिए यह अनिवार्य है कि वे उन परियोजनाओं से संबंधित अनुमोदन/योजनाओं, विनिर्देशों, ब्रोशर्स आदि की प्रतिलिपियां रखें जहाँ उनके द्वारा सौदों की सुविधा दी जा रही है। जिन ब्रोकर्स/प्रॉपर्टी डीलर्स के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें प्राधिकरण के साथ उनके पंजीकरण को रद्द करने सहित उनके लाइसेंस वापिस लेने के लिए उपायुक्त को सिफारिश करने जैसा दंड भी दिया जाएगा।
हरेरा के सदस्य श्री एस.सी.कुश ने बताया कि आचार संहिता में रियल एस्टेट परियोजना और इकाइयों के विवरण को एक ऐसी जगह पर प्रदर्शित करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव है जहां उन द्वारा बिक्री की सुविधा दी जा रही है।


डॉ. खंडेलवाल ने यह भी बताया कि प्रोमोटर्स को विवरणिका एवं विज्ञापन में ब्रोकर्स का विवरण देने के लिए भी कहा जाएगा ताकि मुख्य ब्रोकर्स की ओर से काम कर रहे अनधिकृत ब्रोकर्स खरीददारों के गलत व्यवहार न करें और खरीददारों पर ब्रोकर्स के कमीशन और सब-ब्रोकर्स के मार्जिन का बोझ न डालें।


बाजार में यह गड़बड़ी भी हो रही है कि ब्रोकर्स बिल्डरों से खुद को पूर्व-निर्धारित दर पर थोक में इकाइयाँ आवंटित करवाते हैं, फिर उन्हें अतिरिक्त दरों पर बेचते हैं और जिस भी अतिरिक्त दर पर इकाइयाँ बेची जाती हैं, उसे एजेंट के लाभ के रूप में रखा जाता है। एजेंट द्वारा इस तरह की बिक्री अवैध है क्योंकि रियल एस्टेट परियोजना केवल प्रमोटर द्वारा विकसित एवं बेची जाती है और अगर रियल एस्टेट एजेंट इनकी बिक्री में संलिप्त है तो उसे भी खुद को एक प्रमोटर के रूप में पंजीकृत करना होगा। बाजार में खरीदारों को गुमराह करके, धोखा देकर पैसे कमाने के अभद्र प्रचलन में संलिप्त रियल एस्टेट एजेंट्स अनैतिक और बेईमान हैं जिन्हें प्राधिकरण द्वारा सख्ती से लिया जाएगा और उन्हें कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा।


प्राधिकरण के संज्ञान में यह भी आया है कि ब्रोकर्स द्वारा मौखिक सौदों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। परियोजना की भ्रामक विशेषताओं और आकर्षक छूट की आड़ में लुभावनी पेशकश दी जा रही है।


डॉ. के.के. खंडेलवाल ने बताया कि उन लगभग दो दर्जन ब्रोकर्स के खिलाफ फोरेंसिक ऑडिट शुरू किया जाएगा, जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ब्रोकर्स को प्रोत्साहित करने वाले प्रमोटरों को भी दंडित किया जाएगा।

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