‘ शिक्षित युवा-सम्मानित हुआ ’ योजना के तहत प्रशिक्षण
गुरूग्राम : गुरुग्राम को डिजीटल ट्रांजेक्शन प्रणाली से जोडऩे के लिए रोजगार विभाग के माध्यम से लागू की गई ‘शिक्षित युवा-सम्मानित हुआ’ योजना के तहत लगाए गए ‘सक्षम’ युवा लोगों को कैशलैस भुगतान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये युवा बैंकर्स की सहायता से कैशलैस समाज बनाने हेतु चलाए गए जागरूकता अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन युवाओं को रूडसैट संस्थान द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया है।
बैंकों में आने वाले ग्राहकों कर रहे हैं प्रशिक्षित
इन युवाओं की ड्यूटी उन बैंकों में लगाई गई है जहां पर आने वाले लोगों की संख्या अन्य बैंकों की अपेक्षा अधिक है। ये युवा लोगो को यूपीआई, यूएसएसडी तथा मोबाइल ऐप के जरिए कैशलैस लेन-देन की जानकारी दे रहे हैं। इन प्रशिक्षित युवाओं ने आज गांवों में भी जाकर ग्रामीणों खासतौर पर बुजुर्गों को कैशलैस लेन-देन के बारे में जानकारी दी।
बिना नकदी के व्यवसाय करने के टिप्स
उपायुक्त के अनुसार इन युवाओं के जरिए हम समाज को कैशलैस ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ा सकते है। इन युवाओं को बैंक प्रतिनिधियों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग और ई-वॉलेट तथा कार्ड स्वेपिंग के बारे में रूडसैट संस्थान द्वारा विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया है। युवा मोबाइल बैंकिंग ट्रांजेक्शन के संबंध में आम नागरिकों को शिक्षित करने के लिए बैंको में आने वाले लोगों को मोबाइल वॉलेट व ई-ट्रांजेक्शन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि जिला को कैशलैस ट्रांजेक्शन प्रणाली से जोडऩे के लिए जिला प्रशासन व आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा तभी हम निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। ये युवा लोगों को जानकारी दे रहे हैं कि वे बिना नकदी के भी सभी प्रकार के लेन-देन और व्यवसाय कर सकते हैं।
अग्रणी जिला प्रबंधक आर सी नायक ने कहा कि आने वाले समय में कैशलेस लेन-देन का प्रचलन अधिक बढ़ेगा इसलिए जरूरी है कि लोग डिजीटल ई-ट्रांजेक्शन प्रणाली से परिचित रहे ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि देश में हुई नोटबंदी व आ रहे बदलाव से देश डिजीटल इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। देश के युवाओं व अन्य लोगों को इस परिवर्तन अभियान में पूर्ण रूप से भागीदार बनना चाहिए।
मोबाइल से पैसे के लेन-देन के ये हैं तरीके –
1. बैंक कार्ड के माध्यम से- बैंक द्वारा प्रीपेड कार्ड , डेबिट कार्ड और के्रडिट कार्ड जारी किए जाते हैं, जिनका प्रयोग करके खरीददारी आसानी से की जा सकती है और मोबाइल को भी रिचार्ज किया जा सकता है।
2. पीओएस मशीन- इसमें कार्ड स्वैप करके भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। इस प्रकार की मशीन काफी स्थानों पर लगी भी हुई हैं और बैंक द्वारा यह मशीन लगाने के लिए जो कमीशन लिया जाता है वह दुकानदार को भरना होता है नाकि ग्राहक को।
3. यूएसएसडी- जिन व्यक्तियों के पास स्मार्ट फोन नही है वे अपने साधारण मोबाइल से भी मोबाइल बैंकिंग पर आधारित अनस्ट्रक्चर्ड सपलीमेंटरी सर्विस डाटा (यूएसएसडी) के माध्यम से *९९प्त पर डायल करके ऑनलाइन पैसे का भुगतान कर सकते हैं। इसमें एक ग्राहक प्रतिदिन 5000 रूपये तक का भुगतान कर सकता है। डायल करने के बाद मोबाइल पर 7 स्टैप में भुगतान हो जाएगा।
4 एईपीएस- आधार इनेब्लड पेमेंट सिस्टम(एईपीएस) के माध्यम से व्यक्ति अपने खाते में जमा राशि, कैश निकालने व जमा करवाने तथा आधार से आधार फंड ट्रांसफर कर सकता है। इसके लिए माइक्रो एटीएम अर्थात् पीओएस मशीन पर आधार नंबर और बैंक का नाम भरना होता है। उसके बाद व्यक्ति को स्कैनर पर अपनी उंगली रखनी होती है। इस प्रणाली में बैंक खाता आधार नंबर से जुड़ा होना चाहिए। राशन डिपु में यह मशीन लगाई गई है।
5. यूपीआई- इसमें स्मार्ट फोन इंटरनेट सुविधा के साथ होना जरूरी है । रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक अकाऊंट की डिटेल डालनी होंगी। इस एप के साथ 28 बैंको के एप जुड़े हुए है जिनमें एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई, एक्सिस, केनरा बैंक, यूको, यूनियन बैंक , ओबीसी तथा 20 अन्य बैंक शामिल हैं। व्यक्ति किसी भी बैंक का एप डाऊन लोड करके उसका प्रयोग कर सकता है। यूपीआई से पैसे प्राप्त भी किए जा सकते हैं।
6. मोबाइल वैलेटस- इसका प्रयोग ऑनलाइन खरीददारी के लिए किया जाता है। इसमें कम्प्यूटर या स्मार्ट फोन का होना आवश्यक है। इसके माध्यम से उपभोक्ता महीने में 20 हज़ार रूपये तक की खरीद या भुगतान कर सकता है और यदि उसका बैंक में केवाईसी हो तो यह सीमा एक लाख रूपये प्रति माह की है।