लखनऊ,07 मई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार व इसके किसी अधिकारी द्वारा संक्रमितों की संख्या छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। बल्कि अधिक से अधिक सर्विलांस एवं सर्वे के जरिए लोगों की पहचान व टेस्टिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी को सात पेज की चिट्ठी लिख करारा जवाब दिया है। इसमें सीएम ने लिखा है कि लगभग 2 करोड़ 50 लाख से अधिक व्यक्तियों का सर्वे कराकर सर्विलांस पर रखा गया है। सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पूरे मनोयोग के साथ कोविड की रोकथाम एवं बचाव में जुटे हुए हैं। ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के स्थान पर निर्रथक आरोप लगाना कदाचित उचित नहीं है। हमें सकारात्मक बनकर इस महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में सहभागी बनना चाहिए।
असल में सपा के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा था कि अधिकारी सक्रंमितों की संख्या जानबूझ कर छिपा रहे हैं और उन्होंने प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने का मुद्दा उठाया था। सीएम ने उनकी बातों का विस्तार से जवाब देते हुए बताया कि कैसे कोरोना संकट से निपटने में उनकी सरकार व्यापक तैार पर अभियान चला रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी यूरोप के सबसे बड़े देशों जैसे फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली व स्पेन की संयुक्त आबादी से भी अधिक है। एक तरफ जहां इन देशों में संक्रमण संख्या आठ लाख से अधिक है और एक लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व, संवेदनशीलता व साहसिक निर्णय से आज उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 2969 है। उपचार से ठीक होने वाले 1080 तथा मृतक 58 हैं।
यूपी दिल्ली बार्डर पर लाखों कामगार को बिना किसी सहारे के छोड़ दिया गया। उन्हें रातों रात बस लगा कर गंतव्य तक लाया गया। कोटा, राजस्थान में फंसे लगभग 12,000 से अधिक तथा प्रयागराज में 15000 से अधिक छात्र-छात्राओं को भी निःशुल्क बस सेवा द्वारा घरों तक पहुँचाया गया। देश में इस व्यवस्था की पहल सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई, जिसका अनुसरण अन्य प्रदेशों द्वारा किया गया।
सीएम ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में लगभग 42,000 आइसोलेशन बेड, लगभग 21,500 क्वारंटाइन बेड व 1209 वैन्टीलेटर बेड उपलब्ध हैं। सरकार ने सभी जिलों में प्रवासियों के ठहरने के लिए हर जिले में 15,000 से 20,000 क्षमता का प्रबंध किया है। कुल 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 17 हजार प्रवासी कामगार-श्रमिक प्रदेश में लाए जा चुके हैं। सरकार ने प्रतिदिन 30 हजार प्रवासी श्रमिकों को लाने की व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार संवेदनशील है और दूसरे राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने यहां से कामगारों-श्रमिकों को पैदल न आने दें। प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों से समन्वय स्थापित करते हुए ऐसे श्रमिकों को बस अथवा ट्रेन से ही आने की अपील की है।