नई दिल्ली, 07 मई । कोरोना संक्रमण के देशभर से लगातार हजारों मामले रोज सामने आ रहे हैं। लॉकडाउन और अन्य कदम उठाए जाने के बावजूद अभी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर ने कहा कि देश में कोविड-19 महामारी अभी अपने शिखर पर नहीं पहुंची है।
एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, “मोडलिंग के डेटा और जिस तरह केस यहां पर बढ़ रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि जून और जुलाई महीने में यह महामारी अपने चरम पर होगी, लेकिन इसमें कई वेरिएबल्स हैं और समय के साथ ही हम ये जान पाएंगे कि ये बीमारी कितना फैली और लॉकडाउन का क्या प्रभाव रहा।”
वैक्सीन नहीं होने के चलते सरकार ने कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन का रास्ता अपनाया है। लॉकडाउन के पहले ही दिन 25 मार्च तक भारत में कोविड-19 के 600 से ज्यादा केस सामने आ चुके थे और 13 लोगों की मौत हो चुकी थी।
गुरुवार को लॉकडाउन के शुरू होने के 43वें दिन भारत में कोरोना के मामले 53,000 के पास पहुंच गए और करीब 1800 लोगों की इससे मौत हो गई। महाराष्ट्र में करीब 17 हजार कोरोना केस आए है जबकि गुजरात में 6,500, दिल्ली में 5,500 केस है। यानी, इन तीनों राज्यों के कुल कोरोना केस देशभर के कोविड-19 केस की आधी संख्या के बराबर है।
कोरोना से केरल में सबसे ज्यादा रिवकरी रेट और सबसे कम मरनेवालों की संख्या रही, जबकि सिक्कम मात्र एक ऐसा राज्य है जहां पर कोविड-19 का एक भी केस नहीं आया है।
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 89 लोगों की मौत हो जाने के बाद इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,783 हो गई है। इस दौरान 3,561 संक्रमण के नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 52,952 हो गई। दिल्ली में बुधवार तक सामने आए कोविड-19 के 5,532 मामलों में से एक-तिहाई मामले एक से छह मई के बीच सामने आए हैं।