क्यों मिला नोट्बंदी पर मोदी को नीतीश का साथ ?

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” पीएम  मोदी बाघ की सवारी कर रहे हैं “

नई दिल्ली : राजनितिक रूप से एक दूसरे के धुर विरोधी कम से कम नोट्बंदी के मुद्दे पर साथ खड़े दिखने लगे है. अब यह जनता के मूड को देख कर है या हकीकत में भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम का हिस्सा बनना चाहते है इसका विश्लेषण तो बाद में होगा लेकिन फिलहाल नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ मिला गया है.

 

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नीतीश कुमार ने कहा है कि पीएम मोदी ‘बाघ की सवारी’ कर रहे हैं. उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि यह सवारी अन्य दलों के साथ उनके गठबंधन के सहयोगियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. नोटबंदी को मिले जनसमर्थन का उल्लेख करते हुए नीतीश ने कहा है कि इस पहल के साथ देश की जनता साथ खड़ी है जिसका सम्मान होना चाहिए.

 
गौरतलब है कि देश में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने की घोषणा के बाद से पीएम मोदी विपक्ष के निशाने पर हैं लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले का स्वागत किया है. नीतीश का ताजा बयान मोदी सरकार को राहत देने वाली है. इससे पहले भी नीतीश ने कहा था कि वह पूरी तरह विमुद्रीकरण के साथ हैं.
गौरतलब है कि आठ नवंबर की रात को प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने का फैसला सुनाया था. प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने सन्देश में कहा था कि इससे काले धन और जाली नोट की समस्या से देश की अर्थव्यवस्था को छुटकारा मिलेगा. हालाँकि प्राथमिक तौर पर विपक्ष ने भी कालेधन पर लगाम लगाने की इस कोशिश का मोटे तौर पर समर्थन किया था लेकिन एक दो दिनों के बाद कांग्रेस, बसपा, सपा, वामदल सहित कई पार्टियों ने इसके खिलाफ झंडा उठा लिया और पिच्च्ले चार दिन से लोक सभा व राज्य सभा की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं.

 
नोट बदलवाने और पैसे निकालने के लिए बैंक और एटीएम के बाहर जैसे ही लोगों की लाइनें लगनी शुरू हुई विपक्ष ने इसे मुद्दा लिया. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बिना किसी तैयारी के यह फैसला कर लिया और गरीबों के हित का ध्यान नहीं रखा गया. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की थी. नीतीश ने कहा था कि वह पूरी तरह से विमुद्रीकरण का समर्थन करते हैं.

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