नई दिल्ली : केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनआईसी को सलाह दी है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 27 मार्च, 2020 के निर्देशों के अनुरूप पूरे देश में (दिल्ली/एनसीआर को छोड़कर) बीएस- IV वाहनों के सीमित पंजीकरण के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को अनुपालन सुविधाएं प्रदान करे। सुप्रीम कोर्ट ने वाहन डीलरों (दिल्ली/एनसीआर को छोड़कर) के पास लंबित बीएस- IV स्टॉक (सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार) के सीमित और सशर्त बिक्री की अनुमति दी है, जो कुल स्टॉक के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
यह कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन की समाप्ति के 10 दिनों तक वैध होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली/एनसीआर में ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक बरकरार रखी है।
सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 24 अक्टूबर, 2018 के आदेशानुसार कोई भी बीएस- IV वाहन 1 अप्रैल, 2020 से बेचा या पंजीकृत नहीं किया जाएगा। पूरे देश में आज से केवल बीएस- IV वाहनों के पंजीकरण की अनुमति है।
सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के दिए दिशा-निर्देशों में मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने पर जोर दिया है।
सरकार ने भारत चरण (बीएस) उत्सर्जन मानदंड का मानक स्थापित किया है ताकि मोटर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को विनियमित किया जा सके। बीएस- IV नियम पूरे देश में अप्रैल, 2017 से लागू है।
भारत ने 1 अप्रैल से दुनिया के सर्वाधिक स्वच्छ उत्सर्जन मानक अपनाने का फैसला किया है। केवल 3 वर्षों में यूरो-IV से यूरो-IV उत्सर्जन मानकों को अपनाना एक बड़ी उपलब्धि है। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है।