डिंगरहेड़ी प्रकरण को लेकर तावड़ू में हुई महापंचायत
गिरफ्तार युवकों को निर्दोष बताया
युनुस अल्वी
तावडू: डिंगरहेड़ी प्रकरण के आरोपियों को न्याय दिलाने को लेकर तावड़ू अनाजमंडी में महापंचायत हुई जिसमें सरकार व प्रशासन के विरूद्ध जमकर आक्रोश जताया गया। महापंचायत में निर्णय लिया गया कि 29 नवंबर तक आरोपियों की रिहाई नहीं हुई तो नेशनल हाईवे-8 को जाम कर दिया जाएगा।
बता दें कि नई अनाज मंडी में बीएसपी नेता धर्मपाल पहलवान राठी, कोटा की अध्यक्षता में हुई महापंचायत में लोगों ने सरकार, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों पर जमकर भड़ास निकाला। पूर्व सरपंच ओमप्रकाश मानेसर, मास्टर बलबीर, सत्ते पहलवान, स्वामी सुलखानंद, जगदीश हरे, लखराज शर्मा पृथला, नत्थू सिंह नरसिंहपुर, मनोज कांकरोला, डॉ धर्मेन्द्र यादव, हबलू चेयरमैन, वीएचपी गुरूग्राम जिलाध्यक्ष ब्रहमप्रकाश, निरंजन, राजकुमार मित्तल, डॉ गजराज यादव, हरकेश सरपंच, सूबेदार मेजर लालचंद आर्य, जगमाल सिंह रेवाड़ी, मुकेश सरपंच के अलावा कई अन्य वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि पूरे इलाके ने गहराई में जाकर इस बात की जांच कर ली है कि डिंगरहेड़ी प्रकरण में जो 4 युवक पुलिस गिरफ्त में हैं वे पूर्णतया निर्दोष हैं।
इस केस से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि वास्तविक आरोपी जो कि एक विशेष समुदाय से ताल्लुक रखते हैं उन्हें बचाया जा रहा है। और इसके पीछे केवल सरकार व प्रशासन के साथ ब्लैकमेलिंग का खेल चल रहा है। सत्तासीन भाजपा सरकार पर भी निशाना साधते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि सरकार ने इस घटना के तुरंत बाद दूसरे समुदाय के आगे घुटने टेक दिए।
इतना ही नहीं, वक्ताओं ने जनप्रतिनिधियों पर प्रहार करते हुए कहा कि गुरूग्राम लोकसभा क्षेत्र के एक भी नेता ने उनके केस की ठोस पैरवी नहीं की। इतना ही नहीं, वक्ताओं ने बिना नाम लिए कहा कि दूसरे समाज के मात्र एक व्यक्ति ने पूरे इलाके में आग लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वहीं यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस घटना में दोनों ही पक्ष पुलिस की कार्यशैली से असंतुष्ट हैं। पीडि़त परिजनों ने इस संदर्भ में पिछले पखवाड़े ही उच्च नयायालय में याचिका दायर की है।
क्या था पूरा मामला ?
मेवात जिले के गांव डिंगरहेड़ी में बीते 24 अगस्त को एक दंपत्ति की हत्या के बाद 22 वर्षीया एक विवहिता और 13 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना सातने आई थी। हत्यारों द्वारा मारपीट किए जाने से छह लोग घायल भी हो गए थे। इस मामले में एसआईटी द्वारा चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लोगों की मांग पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मामले की सीबीआई जांच का भी भरोसा दिलाया था पर अभी तक कुछ नहीं हुआ।