गांव मनेठी में एम्स की स्थापना के लिए 136 एकड़ भूमि ही मिली है : अनिल विज

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200 एकड़ एकमुश्त भूमि चाहिए

किसानों को भूमि पोर्टल पर डालने होंगे बेचने के प्रस्ताव

चंडीगढ़ :  हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनिल विज ने आज कहा कि जिला रेवाड़ी के गांव मनेठी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना के लिए जैसे ही 200 एकड़ एकमुश्त भूमि पोर्टल पर उपलब्ध होगी उसे राज्य सरकार द्वारा खरीद लिया जाएगा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना हेतु सौंप दिया जाएगा।

        श्री विज ने आज यहां विधानसभा सत्र में जिला रेवाड़ी के मनेठी में स्थापित किए जाने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।

        उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सस्ती/ विश्वसनीय क्षेत्रीय स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने व देश में गुणवतापूर्ण चिकित्सा शिक्षा की सेवाओं में भी वृद्घि करने हेतु एम्स को विभिन्न कम सेवारत राज्यों में स्थापित करने का निर्णय लिया।

        उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 4 जुलाई, 2015 को बावल, जिला रेवाड़ी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ग्राम मनेठी में एम्स की स्थापना के संबंध में एक घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि राज्य में एम्स स्थापित करने के प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा राज्य को भी शामिल किया जाना आवश्यक था। राज्य में एम्स की स्थापना देश के युवाओं को अपनी सभी शाखाओं और सम्बन्धित क्षेत्रों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा से गुजरने का अवसर प्रदान करेगी और एक ही स्थान पर उच्चतम शैक्षिक सुविधाओं को एक साथ लाने हेतु और देश में डॉक्टरों की मौजूदा कमी को कम करेगी। एम्स की स्थापना केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दायरे में आती है, अत: इस मामले का पत्राचार राज्य सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ किया जाता रहा है।

        श्री विज ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने 1 जुलाई, 2019 को अपने बजट भाषण में हरियाणा को 22वां नया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान देने की घोषणा की थी। केंद्रीय स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 5 फरवरी, 2019 को पत्र जारी कर हरियाणा सरकार द्वारा एम्स की स्थापना के लिए पेश की गई जमीन, जो कि ग्राम मनेठी जिला रेवाड़ी में है, की स्वीकृति प्रदान की। तत्पश्चात प्रदेश के विकास एवं पंचायम विभाग ने ग्राम पंचायत मनेठी की 224 एकड़ 7 कनाल 7 मरला भूमि (विभागीय आदेश क्रमांक 1036, 14 फरवरी 2019 और क्रम संख्या 1062, 27 मई 2019) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान और अनुसंधान संस्थान मनेठी रेवाड़ी की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को 99 वर्ष की अवधि के लिए एक रुपया प्रतिवर्ष प्रति एकड़ की दर से पट्टे पर देने की स्वीकृति प्रदान की।

        उन्होंने कहा कि चिह्नित स्थल का भूमि उपयोग अरावली वृक्षारोपण योजना के अन्र्तगत गैर कृषि था इसलिए वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत उक्त भूमि की मंजूरी आवश्यक थी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने अपने पत्र 22 मार्च, 2019 द्वारा केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को ग्राम मनेठी जिला रेवाड़ी में एम्स संस्थान की स्थापना के लिए भूमि के परिवर्तन का एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, मसानी बैराज गांव (निखारी और डुंगरवास) जिला रेवाड़ी को एम्स की स्थापना के लिए स्वीकृत भूमि के बदले हस्तांतरित की जानी थी। ग्राम मनेठी तहसील व जिला रेवाड़ी में एम्स की स्थापना के लिए अरावली पौधारोपण क्षेत्र के अन्र्तगत ग्राम मनेठी में एम्स के निर्माण हेतु 22 मई, 2019 को केंद्रीय वन सलाहकार समिति की बैठक 90.80 हैक्टेयर वन भूमि को परिवर्तित करने हेतु हुई, जिसमें वन सलाहकार समिति ने इसका अवलोकन कर निर्णय लिए है कि प्रस्तावित भूमि विशिष्ट नहीं है; क्षतिपूर्ति पौधारोपण की जगह रेवाड़ी से लगभग 11 किलोमीटर दूर है और जयपुर दिल्ली छ: लेन, राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जबकि प्रस्तावित जमीन जिसका परिवर्तन किया जाना है, राजमार्ग से लगभग 30 किलोमीटर दूर है; प्रस्तावित क्षेत्र एकल वन पैच का एक हिस्सा है, जिसको परिवर्तित करने का परिणाम एकल वन पैच की हनीकोम्बिंग करने जैसा होगा और राज्य सरकार ने परियोजना के लिए वैकल्पिक स्थानों की संभावना का पता नहीं लगाया है।

        उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, वन सलाहकार समिति ने यह भी निर्णय लिया कि क्योंकि वन क्षेत्र बहुत कम है इसलिए मौजूदा वन क्षेत्रों को परिवर्तन के लिए प्रस्तावित नहीं किया जाना चाहिए, जबकि विशाल गैर वनक्षेत्र उपलब्ध है। प्रस्तावित भूमि विशिष्ट नहीं है, इसलिए इस क्षेत्र में कहीं और कुछ गैर वन भूमि को चिन्हित किया जाना चाहिए।

        मंत्री ने कहा कि इसके मद्देनजर राज्य  सरकार ने निदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की अध्यक्षता में प्रमुख अभियंता, सिंचाई विभाग, प्रमुख अभियंता, पीडब्लयूडी (भवन एवं सडक़ें), उपायुक्त रेवाड़ी, मुख्य वन संरक्षक, गुरुग्राम और अतिरिक्त प्रबंधक निदेशक, हरियाणा वन विकास निगम की एक समिति का गठन किया, जिसका उद्देश्य रेवाड़ी में एम्स की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थल की संभावनाओं का पता लगाना था। इस दौरान उपायुक्त, रेवाड़ी से गांव मनेठी और आस-पास के गांवों में एम्स की स्थापना के लिए 200 एकड़ भूमि की पहचान करने का अनुरोध किया गया। उपायुक्त ने ग्राम मनेठी और ग्राम माजरा मुस्तिल भलखी में निजी भूमि मालिकों के स्वामित्व वाली 947 एकड़ व 891 एकड़ भूमि का प्रस्ताव भेजा है, जिसे रेवाड़ी में एम्स बनाने के लिए आवश्यक भूमि खरीदने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। विभाग ने ई- भूमि पोर्टल पर यह जमीन खरीदने की मांग अपलोड कर दी है तथा किसानों व भूमि मालिकों से भूमि की पेशकश नियमित रूप से पोर्टल पर प्राप्त हो रही है। आज तक कुल 134 आवेदन (लगभग 136 एकड़ भूमि) ई-भूमि पोर्टल पर प्राप्त हो चुके है। उन्होंने कहा कि जैसे ही 200 एकड़ एकमुश्त भूमि पोर्टल पर उपलब्ध होगी उसे राज्य सरकार द्वारा खरीद लिया जाएगा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना हेतु सौंप दिया जाएगा।

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