प्रयागराज, 25 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी मर्डर की सीबीआई जांच के आदेश दिया है। झांसी से बागपत जिला जेल में लाए जाने के बाद मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साथ ही 20 अप्रैल को जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है।
यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की खंडपीठ ने मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की याचिका पर दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि झांसी से बागपत तबादले और उसी दिन जेल में पिस्तौल आने के पीछे की साजिश में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाए। साथ ही पिस्टल को बैलिस्टिक जांच कर हत्या में प्रयुक्त पिस्टल की पहचान की पुष्टि भी करने के लिए कहा है।
करीब डेढ़ साल पहले नौ जुलाई को बागपत जेल में पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मुन्ना बजरंगी को पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में झांसी जेल से पेशी पर लाया गया था।
रातभर सुनील राठी के साथ रहने वाले मुन्ना बजरंगी को नौ जुलाई की सुबह गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन जेलर यूपी सिंह सहित तीन कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। शासन स्तर से तत्कालीन जेलर यूपी सिंह और दो कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है।