रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को करनाल तक विस्तार देने का फैसला

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चंडीगढ़, 6 जनवरी :  हरियाणा सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के एसकेके-दिल्ली पानीपत कॉरिडोर को करनाल तक विस्तार करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से करनाल सहित पूरे एनसीआर में परिवहन सुविधाओं में वृद्धि होगी। इस कॉरिडोर के निर्माण में हरियाणा की हिस्सेदारी लगभग 5 हजार करोड़, यानी कुल लागत का 16 प्रतिशत है।

        यह निर्णय आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एसकेके-दिल्ली पानीपत कॉरिडोर ऑफ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के कार्यान्वयन के बारे में हुई बैठक में लिया गया।

        बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि परिवहन कार्यात्मक योजना एनसीआर-2032 के तहत, आरआरटीएस के आठ कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत पहले चरण में, तीन कॉरिडोर नामत: दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-एसएनबी का निर्माण किया जाएगा।

        बैठक में बताया गया कि 103 किलोमीटर लंबे दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 17 आरआरटीएस स्टेशन (सराय काले खां सहित) होंगे। इस प्रस्तावित परियोजना के तहत, पहले पानीपत नॉर्थ स्टेशन आखिरी स्टेशन था, लेकिन मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस कॉरिडोर का करनाल तक विस्तार किया जाए, इसके साथ ही घरौंडा में एक स्टेशन के लिए भी प्रावधान किया जाए।

        बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि इन तीन आरआरटीएस कॉरिडोर का कुल मार्ग रेखा (अलाइनमेंट) 291.67 किलोमीटर है, जिसमें से 50 प्रतिशत यानी 149.31 किलोमीटर से अधिक हरियाणा में पड़ता है। इसलिए इन कॉरिडोर के पूरा होने के बाद गुरुग्राम, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत और करनाल के यात्रियों को बहुत फायदा होगा। इस कॉरिडोर का उद्देश्य दिल्ली को सोनीपत, गन्नौर, समालखा, पानीपत और करनाल से जोडऩा है। इस कॉरिडोर के बनने से न केवल यात्रा के समय में कटौती होगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में पर्यावरण और आर्थिक लाभ भी होगा।

        बैठक में यह भी बताया गया कि आरआरटीएस स्टेशनों और ट्रेनों को अन्य परिवहन साधनों जैसे एयरपोर्ट, रेलवे, मेट्रो और आईएसबीटी आदि के साथ समेकित रूप से एकीकृत किया जाएगा। आरआरटीएस स्टेशन इंटर-ऑपरेटेबल होंगे, जिससे यात्री ट्रेन को इंटरचेंज किए बिना एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर तक यात्रा करने में सक्षम होंगे।

       बैठक में मुख्य सचिव, केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव,  वी. उमाशंकर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,  टी.वी.एस.एन. प्रसाद, फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,  ए. के. सिंह, गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण, गुरुग्राम, के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,  वी.एस. कुंडू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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