हरियाणा का सर्वदलीय प्रतिनिधि, पीएम व राष्ट्रपति से मिलेगा

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एसवाईएल पर सर्वदलीय बैठक में लिया निर्णय 

सुप्रीम कोर्ट में 21 नवम्बर को सुनवाई 

चंडीगढ़ :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हरियाणा निवास में सतुलज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा हरियाणा के हक में दिए गए फैसले के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए हरियाणा से सर्वदलीय पार्टी प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए सर्व-सम्मति से निर्णय लिया गया है। दूसरी तरफ इस मामले में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. अर्जी में कहा गया है कि पंजाब लिंक नहर की जमीन किसानों को वापस देने से रोका जाए। खबर है कि अर्जी पर 21 नवंबर को सुनवाई होगी .

 

सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, विपक्ष के नेता  अभय सिंह चौटाला, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, इनेलो प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, हरियाणा के महाअधिवक्ता बलदेव राज महाजन, निर्दलीय विधायक  जय प्रकाश, मुख्य सचिव  डी.एस.ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी तथा कार्मिक विभाग की सचिव नीरजा शेखर भी उपस्थित थीं. 

पंजाब के कदम संविधान के विपरीत

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सभी नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी। एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस क्षेत्र में पीने के पानी का संकट है वह संकट दूर हो और यहां की प्यासी धरती की प्यास बुझे इसके लिए सभी दलों ने एक होकर यह फैसला लिया है। भारत एक संघीय देश है और संविधान की प्रक्रियाओं व सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय को मानने से कोई मना नहीं कर सकता। संघीय प्रणाली में कोई भी ऐसा काम जो दूसरी इकाई के अहित में होगा, ऐसा करने का अधिकार किसी को नहीं है। इसलिए पंजाब के एसवाईएल के सन्दर्भ में सभी निर्णय संविधान के विपरीत है। 

12 वर्षों से लंबित था 

उन्होंने कहा कि सतुलज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर 12 वर्षों से लंबित 2002 में हरियाणा के हक में आए गए फैसले जिसके तहत न्यायलय में एक वर्ष के अंदर-अंदर पंजाब को एसवाईएल का निर्माण करवाने का आदेश किया था अन्यथा एक वर्ष बाद केंद्र सरकार अपने किसी एंजेसी से अपने इस नहर का निर्माण करवाएं और यह फैसला राष्ट्रपति संदर्भ के लिए सर्वोच्च न्यायलय के लिए लंबित था।  हरियाणा सरकार द्वारा जून, 2016 के बाद से सर्वोच्च न्यायलय में जोरदार पैरवी करने के फलस्वरूप राष्ट्रपति संदर्भ पर फैसला पुन: हरियाणा के हक में दिया है।

विशेष सत्र बुलाने का कोई प्रस्ताव नहीं 

इसी के चलते 15-20 सदस्यों का सर्वदलीय पार्टी प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से मिलेगा जिसके लिए आज ही समय लेने की सूचना राष्ट्रपति कार्यालय व पीएमओ में भेज दी जाएगी। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि हरियाणा विधानसभा का इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने के लिए फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करवाना मुख्य कार्य है, जिसके लिए सभी दल एकजुट होकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलेंगे और आशा है कि केन्द्र सरकार जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करवाएगी

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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