इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऊर्जा और इस्‍पात क्षेत्र में सहयोग के लिए रूस पहुंचे

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नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऊर्जा और इस्‍पात क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए रूस का दौरा किया। श्री प्रधान ने ऊर्जा और इस्पात क्षेत्रों में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच ऊर्जा और इस्‍पात क्षेत्रों में सक्रिय संबंधों का एक अहम हिस्सा है।

 

अपनी इस यात्रा के दौरान श्री धर्मेंद्र प्रधान ने रूस के उप प्रधानमंत्री और रूस के सुदूर पूर्वी संघीय जिलों में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि, यूरी पी ट्रूटनेव के साथ बैठक के दौरान, भारत और सुदूर पूर्वी रूस के बीच ऊर्जा और इस्पात क्षेत्रों में सहयोग के क्षेत्र का विस्तार करने पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने रूस के सुदूर पूर्व से धातुकर्म कोयला और कच्चे तेल के स्रोत में सहयोग को आगे बढाने पर विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान, सुदूर पूर्वी रूस में तेल और गैस एवं इस्पात क्षेत्रों में संभावित भारतीय निवेश के संबंध में भी चर्चा की गई और सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान आर्थिक मंच और 20वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की व्लादिवोस्तोक यात्रा के मद्देनजर इन क्षेत्रों में प्रगति की भी समीक्षा की गई।

 

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सचिव और रूसी संघ के उद्योग एवं व्यापार मंत्री श्री विक्टर एव्टुखोव के साथ भी दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए अवसरों को तलाशने और निवेश के प्रवाह को बढ़ाने पर भी दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई। श्री प्रधान ने कहा कि भारत और रूस के बीच इस्पात क्षेत्र में सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। बैठक के दौरान कोकिंग कोल सोर्सिंग, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, कौशल विकास आदि क्षेत्रों में भी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।

 

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श्री प्रधान ने व्‍यापार विकास के उप सीईओ श्री डिडिएर कासेमिरो और इसके प्रमुख श्री क्रिज ज़िलिकी के साथ-साथ रूस के पेट्रोलियम उद्योग और दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट का प्रतिनिधित्‍व कर रही नायरा एनर्जी के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, श्री आनंद से भी मुलाकात की। कंपनी की मुख्य गतिविधियों में हाइड्रोकार्बन, तेल और गैस एवं गैस-कंडेनसेट उत्पादन, अपस्ट्रीम अपतटीय परियोजनाएं, प्रसंस्करण के साथ-साथ तेल और गैस के क्षेत्र में रूस और विदेशों में उत्पाद, विपणन और अन्वेषण शामिल हैं। बैठक के दौरान भारतीय ईएंडपी और रिफाइनिंग क्षेत्रों में रूसी विशेषज्ञता का लाभ लेने के तरीकों और सहयोग पर भी चर्चा की गई। श्री प्रधान ने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल संचालन में नए निवेश के प्रस्तावों का भी स्वागत किया।

 

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने रूस के ऊर्जा मंत्री श्री अलेक्जेंडर नोवाक से भी मुलाकात की और तेल एवं गैस क्षेत्र में व्‍यापक सहयोग की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच पूर्वी आर्थिक मंच और 20वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग के लिए एक प्रारूप और कार्य योजना सहित मजबूत सिफारिशों के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई। उन्होंने वैश्विक तेल बाजार में मूल्य अस्थिरता से दोनों देशों के उपभोक्‍ताओं और उत्पादकों के हितों को हो रही हानि पर विचार-विमर्श किया। श्री प्रधान ने उम्मीद जताई कि ओपेक प्लस के सदस्य के रूप में रूस उचित मूल्य निर्धारण और पर्याप्त आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक तेल बाजार में संतुलन लाने की दिशा में एक जिम्मेदार और महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दोनों मंत्रियों ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की 20 से अधिक भारतीय और रूसी तेल और गैस कंपनियों के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों और वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान इस मुद्दे पर भी गौर किया गया कि रूस में तेल और गैस परिसंपत्तियों के निवेश के लिए अभी भी बहुत से अवसर हैं। इसके अलावा रूस के द्वारा सीजीडी, एलएनजी टर्मिनलों और परिवहन में प्राकृतिक गैस के उपयोग, ई एण्‍ड पी के विस्तार एवं शोधन क्षमताओं के माध्यम से भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए शुरू की गई नई पहलों में निवेश पर भी विचार-विमर्श किया गया।

 

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