विद्यार्थी के रूप में रहना भी एक कला है : रितु गोयल

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तीन स्कूलों के बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया 

गुरुग्राम : 11-nov-13-aरितु गोयल ने नैतिक शिक्षा के दौरान किशोरियों को किस प्रकार विद्यार्थी रूप में रहना चाहिए, बालों को कैसे बनाना चाहिए ,उन्हें बताया । उन्होने यह भी बताया कि बालपन बहुत मुश्किल से मिलता है।अधिक से अधिक अपने गुरुजनों के अपने माता-पिता के सानिध्य में रहना चाहिए . उनके द्वारा कही सभी बातों को मानना चाहिए ताकि जीवन में कोई भी कठिनाई ना आए। शुक्रवार को रितु गोयल ने गवर्मेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सरहौल. हाईवे पब्लिक स्कूल, कन्हैइ  एवं यूरो इंटरनेशनल सेक्टर-45 में बच्चों को नैतिक शिक्षा के बारे में विस्तार से बताया. 

किशोर किशोरियों को आपस में किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए इस प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यदि हम समूह में मिलकर भाई बहन की तरह रहेंगे तो विद्यालयों का सवरूप एक अलग नजर आएगा ।आज डर की भावना से सभी लोग ग्रसित है उससे भी मुक्ति मिल जाएगी।एक दूसरे के सौहार्दपूर्ण व्यवहार से परिवारों में सम्मान बढ़ता है।

रितु गोयल ने बताया कि देखने11-nov-14-a में आता है जब यह विषय बच्चों के सम्मुख रखा जाता है तो बच्चों के चेहरे से ऐसा लगता है कि उनके मन में भी एक उमंग जागी है।

 

बच्चे पूरा विश्वास दिलाते हैं कि वह अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए नैतिक मूल्य सीखेंगे और ज्यादा से ज्यादा अपने गुरु और माता पिता का सम्मान करेंगे। इसी उम्मीद के साथ वह हर रोज तीन स्कूलों में जाकर बच्चों के साथ इस विषय पर चर्चा करती है।

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