पौधे और हरियाली जीवन के लिए जरूरी. : सी जे एम नरेंद्र सिंह

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जीवन में एक-एक पौधा हम सभी अवश्य लगायें

सरकारी कालेज जाटौली में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

गुरुग्राम। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह ने बुधवार को पटौदी सब डिवीजन के हेलीमंडी क्षेत्र में कमला नेहरू सरकारी कालेज जाटौली-हेलीमंडी में विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि , पौधे, पेड़, वृक्ष और हरियाली जीवन के लिए बहुत जरूरी है। इस कार्यक्रम का आयोजन इको अवेयरनेस सोसायटी हेलीमंडी के तत्वाधान में किया गया। इस मौके पर इको अवेयरनेस सोसायटी हेलीमंडी की अध्यक्षा कुसुम गुप्ता, मेजर जनरल डा रणजीत सिंह, रोजगार कार्यालय से मनीता यादव, एडवोकेट रीतू कपूर, रूडसेेट से विनय सिंह, कानूनी साक्षरता सैल से डा वंदना राय, डा त्रिलोक गुप्ता, नवीन मित्तल सहित मेजबान कालेज के प्रिसिंपल सहित छात्र और प्राध्यापकगण भी मौजूद रहे।

सीजेएम नरेंद्र सिंह ने इस मौके पर कालेज परिसर में पौधा रोपण कार्य का आरंभ करते हुए कहा कि हम सभी को जीवन में एक-एक पौधा लगाने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिये कि रौपा गया पौधा जीवित रहे और हरा-भरा वृक्ष भी बने। इस मौके पर उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का कार्य केवल न्याय करना ही नहीं, बल्कि आम लोगों को कानून सहित उनकी जिम्मेदारी और अधिकारों के प्रति भी जागरूक करना है।
उन्होंने मेजबान संस्था के द्वारा पर्यावरण, जल सरंक्षण, पॉलिथीन विरोधी जैसे अभियान की प्रशंसा करते हुए एेसे कार्यक्रम को जनआंदोलन बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी शिक्षा के साथ ही रोजगार के क्षेत्र में अपनी योग्यता के मुताबिक लक्ष्य तय करने चाहिये। इको अवेयरनेस सोसायटी हेलीमंडी की अध्यक्षा कुसुम गुप्ता ने संस्था के द्वारा किये जा रहे कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुख्य दंडाधिकारी नरेंद्र सिंह ने सामाजिक बुराईयों/खामियों पर चर्चा करते हुए कहा कि भिक्षा देना किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक बुराई है, 42-45 डिग्री तापमान में भी मासूम बच्चों को मोहरा बनाकर भीख मंगवाई जा रही है, यह मासूमों का शोषण है। इतने अधिक तापमान में कोई भी मासूम किस प्रकार आराम से लेटा या सोया रह सकता है। भीख मंगवाने वाले गिरोह छोटे बच्चों को हैवी नशे की डोज देकर ही लोगों को मानसिक रूप से बलेकमेल करते हैं। सड़क दुर्घटना में पीड़ित की तत्काल मदद करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहां कि सडक़ या किसी अन्य हादसे में पीडि़त/घायल को बिना देरी किये उपचार के लिए पास के अस्पताल में पहुंचाना चाहिये। हेलमेट हमारी अपनी सुरक्षा के लिए ही है। सडक़ हादसे में घायलों को सही समय पर सहायता नहीं मिलने से कई पीड़ितों की मृत्यु भी हो जाती है, अक्सर परिवार के एकमात्र कमाने वाले के साथ घटित एेसे हादसे से पूरा परिवार ही बिखर जाता है।

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