दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का निधन

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नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आज राजधानी के एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया. वह 81 वर्ष की थी. उन्हें आज सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया था लेकिन उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और उनका निधन हो गया.

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। शनिवार सुबह उन्हें दिल्ली के एक्सकॉर्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर 3।30 बजे उन्होंने अंतिम सांस लीं।

शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी थीं। मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी थीं। वर्तमान में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं।
शीला दीक्षित दिल्ली की लगातार 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रही है. वर्तमान में वह दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में पार्टी को पुनः स्थापित करने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई थी. इसी कोशिश के तहत कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2019 में लोकसभा का प्रत्याशी भी बनाया था. उन्होंने दिल्ली को आधुनिक रूप देने का भरपूर प्रयास किया था लेकिन दिल्ली में विधानसभा के अपने चौथे चुनाव में उन्हें हार का सामना देखना पड़ा था.
श्रीमती दीक्षित एक बेहद प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आती है और गांधी परिवार से उनका बड़ा गहरा नाता रहा है. यही कारण है कि उन्हें एक बार फिर लोकसभा चुनाव से कुछ ही समय पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी. पार्टी को यह उम्मीद थी कि श्रीमती दीक्षित कांग्रेस को दिल्ली में पुनः जीवित कर सकती है और इसमें वे काफी हद तक कामयाब भी रही.

*शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर*

15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित इससे पहले 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रह चुकी हैं. इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं. वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. हालांकि, 2013 में आम आदमी पार्टी के उफान में शीला दीक्षित की सरकार बह गई. हालांकि, माना जाता है कि शीला दीक्षित की हार में एंटी इनकंबेंसी भी हावी रहा. इसके बाद वह 2014 में केरल की राज्यपाल भी रहीं.

*शीला दीक्षित की पढ़ाई*
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ है. शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है. उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी स्वर्गीय विनोद दीक्षित से हुआ था. विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. शीलाजी एक बेटे और एक बेटी की मां हैं. उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं. दरअसल, मिरांडा हाउस से पढ़ाई के दौरान ही उनकी राजनीति में रुचि थी.

*दिल्ली की 3 बार मुख्यमंत्री*
शीला दीक्षित अपनी काम की बदौलत कांग्रेस पार्टी में पैठ बनाती चली गईं. सोनिया गांधी के सामने भी शीला दीक्षित की एक अच्छी छवि बनी और यही वजह है कि राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी ने उन्हें खासा महत्व दिया. साल 1998 में शीला दीक्षित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गईं. 1998 में ही लोकसभा चुनाव में शीला दीक्षित कांग्रेस के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ीं, मगर जीत नहीं पाईं. उसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ना छोड़ दिया और दिल्ली की गद्दी की ओर देखना शुरू कर दिया. दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि तीन-तीन बार मुख्यमंत्री भी रहीं.

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