नयी दिल्ली। कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक संकट बुधवार को उस समय उच्चतम न्यायालय पहुंच गया जब कांग्रेस और जद (एस) के 10 बागी विधायकों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की। इन विधायकों ने याचिका में विधानसभा अध्यक्ष पर जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इन विधायकों की याचिका का उल्लेख किया और इसे शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
पीठ ने मुकुल रोहतगी को भरोसा दिलाया कि वह यह देखेगी कि क्या शीघ्र सुनवाई के लिये यह याचिका कल सूचीबद्ध की जा सकती है।
रोहतगी ने कहा कि ये विधायक पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं और अब नये सिरे से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
उन्होंने इस याचिका पर बुधवार या बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया जिसमें आरोप लगाया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष ने पक्षपात पूर्ण तरीके से कार्रवाई की है और जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किये हैं।
राज्य विधानसभा के अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा था कि 14 बागी विधायकों में से नौ के इस्तीफे सही नहीं थे।
कांग्रेस ने इस मामले में अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से हस्तक्षेप करने और इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह उसके सदस्यों को धन का प्रलोभन दे रही है। हालांकि, भाजपा ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।
कर्नाटक विधानसभा के 13 सदस्यों – कांग्रेस के 10 और जद(एस) के तीन- ने छह जुलाई को सदन की सदस्यता से अपने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंपे थे। इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के लिये राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इसी बीच, कांग्रेस के एक अन्य विधायक आर रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया है कि इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों में एस टी सोमशेखर, मुनिरत्न, बी ए बसवराज, प्रताप गौडा पाटिल, बी सी पाटिल, रमेश जारकिहोली, ए शिवमरा हब्बर, महेश कुमातल्ली, रामलिंग रेड्डी, आनंद सिंह और बेग (सभी कांग्रेस) और गोपालैया, नारायण गौडा, अडगुर एच विश्वनाथ (सभी जद-एस) शामिल हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार को बुधवार को मुंबई में इन बागी विधायकों के प्रवास वाले परिसर में प्रवेश से रोका गया।
पावेल के आलीशान होटल में टिके 12 में से 10 विधायकों ने मंगलवार की रात मुंबई पुलिस को लिखकर सूचित किया कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और उन्होंने शिवकुमार को होटल में प्रवेश करने से रोकने का आग्रह किया था।
शिवकुमार ने कहा है कि वह बागी विधायकों से मुलाकात के बगैर वापस नहीं जायेंगे।
राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में 116 सदस्य हैं। अध्यक्ष के अलावा इनमें कांग्रेस के 78, जद (एस) के 37 और बसपा का एक सदस्य शामिल हैं।
यदि इन 14 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है कि गठबंधन के सदस्यों की संख्या घटकर 102 हो जायेगी।