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गुरुग्राम। विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी उमेश अग्रवाल का कहना है कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(आरआरटीएस) की डीपीआर को राजस्थान सरकार की हरी झंडी मिल जाने से दिल्ली के सराय काले खां से गुरुग्राम होकर अलवर को जोड़ने वाली इस परियोजना पर शीघ्र काम शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। पहले चरण में यह योजना दिल्ली के सराय काले खां से राजस्थान के शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड (एसएनबी) कांपलेक्स तक शुरू की जाएगी। 106 कीलोमीटर लंबे इस मार्ग पर ग्यारह स्टेशन बनाए जाएंगे। इस मार्ग पर रेल यातायात शुरू होने पर दिल्ली गुरुग्राम में न केवल परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि इस क्षेत्र में वाहनों से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।
गुरुग्राम विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुग्राम के लिए बेहद महत्वाकाक्षी इस योजना को 13 फरवरी को ही स्वीकृति दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री परिवहन व्यवस्था को सुधारने वाली योजनाओं और परियोजनाओं को प्राथमिकता से मंजूरी दे रहे हैं। पुराने शहर में मेट्रो चलाने की एक बड़ी परियोजना और इसकी करीब 5126 करोड़ रुपये की डीपीआर को भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वीकृति दे चुके हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आरआरटीएस परियोजना में निवेश को भी स्वीकृति दे दी है।
गुरुग्राम विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि परिवहन, प्रदूषण नियंत्रण एवं ट्राफिक जाम से मुक्ती पाने के लिए ये दोनों ही परियोजनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पुराने गुरुग्राम में मेट्रो दौड़़ाने के लिए एमआरटीसी ने पांच वर्ष का समय निर्धारित किया है लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एमआरटीसी प्रबंधन से इस परियोजना को तीन वर्ष में पूरा करने का आग्रह किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एमआरटीसी मुख्यमंत्री के आग्रह अनुसार अगले तीन साल में पुराने गुरुग्राम मैट्रो दौड़ाने में कामयाब होंगे।
विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि आरआरटीएस योजना दिल्ली के सराय काले खां से राजस्थान के अलवर को जोड़ेगी। इस परियोजना की कुल लंबाई 164 किलोमीटर और पुरे मार्ग पर 22 स्टेशन होंगे। पहले चरण में सराय काले खां से वाया गुरुग्राम-मानेसर-धारूहेड़ा राजस्थान के एसएनबी कांपलेक्स तक 106 कीलोमीटर मार्ग पर ग्यारह स्टेशन बनाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आरआरटीएस परियोजना की डीपीआर को राजस्थान सरकार ने जून माह के अंतिम सप्ताह में स्वीकृति दे दी। इस स्वीकृति के बाद इस परियोजना पर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस परियोजना के पूरे पर प्रति वर्ष लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा