“सेना के तीनों अंगों में ऑफिसर ग्रेड के 9 हजार जबकि जवानों के 66 हजार से अधिक पद रिक्त”

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नई दिल्ली : देश में सेना के तीनों अंगों में ऑफिसर ग्रेड के 9 हजार से अधिक पद रिक्त पड़े हैं. इनमें सबसे अधिक पद थल सेना में रिक्त हैं जबकि दूसरे स्थान पर नौ सेना है. दूसरी तरफ ऑफिसर्स ग्रेड से नीचे के भी 66 हजार से भी अधिक पद खाली हैं. यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नायक ने आज राज्य सभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी.

राज्यसभा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह की ओर से पूछे गए लिखित प्रश्न के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री ने खुलासा किया कि वर्ष 2019 का आकलन बताता है कि सेना में अधिकारी और जवान दोनों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की आवश्यकता है.

उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों में भर्ती एक सतत प्रक्रिया है। सेना में अधिकारी और जवानों कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। इनमें निरंतर सेना के प्रति लोगों में अच्छी  छवि बनाने के लिए कैरियर मेलों और प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जा रहा है . इस चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक करियर अपनाने के फायदों के बारे में भी युवाओं में जागरूकता पैदा करने का अभियान चलाया जाता है.

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि  सशस्त्र बलों में करियर बनाने के लिए युवाओं को आकर्षित करने हेतु  विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जिसमें पदोन्नति की संभावनाओं में सुधार, अधिक आकर्षक वेतन पैकेज, जोखिम और कठिनाइयों के लिए बेहतर मुआवजा, विवाहित आवास परियोजना (एमएपी) के माध्यम से अतिरिक्त पारिवारिक आवास आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि :

 

Details of strength of Officers in the three Armed Forces (excluding AMC, ADC and MNS), force-wise are as under :

Service Authorised Strength Held Strength Shortage
Army

(As on 1.1.2019)

50312 42913 7399
Navy

(As on 31.5.2019)

11557 10012 1545
Air Force

(As on 1.6.2019)

12625 12142 483

 

Details of strength of Personnel Below Officers Rank (PBOR) / Airmen / Sailors in the three Armed Forces, force-wise, are as under:

Service Authorised Strength Held Strength Shortage
Army

(As on 1.1.2019)

1223381 1185146* 38235
Navy

(As on 31.5.2019)

74046 57240 16806
Air Force

(As on 1.6.2019)

142917 129094 13823**

*  Excluding 1718 APS Non-regular JCOs/ORs

** Additionally, 10486 ab-initio trainees are undergoing training at various training Institutes.

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