जेजेपी की सरकार बनने पर खिलाड़ियों की इनाम राशि की जाएगी दोगुनी : दुष्यंत चौटाला

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जेजेपी नेता ने कहा : मनोहर सरकार खेल व खिलाड़ियों को बर्बाद करने पर जुटी
भाजपा सरकार ने जूनियर प्रतियोगिताओं में प्रोत्साहन राशि पर ब्रेक लगा कर प्रतिभाओं की तोड़ी कमर
जूनियर प्रतियोगिताओं की प्रोत्साहन राशि में इनाम घटाना खेल जगत के लिए आत्मघाती

चंडीगढ़ । जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए हरियाणा सरकार की खेल नीति पर कड़ा ऐतराज जताया हैं। पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश खेल व खिलाड़ियों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जननायक जनता पार्टी की सरकार बनने पर पदक विजेता खिलाड़ियों की इनाम राशि को दोगुना किया जाएगा। साथ ही हर स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ी को उचित सम्मान राज्य सरकार की तरफ से दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

दुष्यंत ने कहा कि जजपा सरकार में खिलाड़ियों के सम्मान के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं की सरकारी नौकरी की गारंटी होगी तो वहीं खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में खेल महाविद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर से ही खिलाड़ियों के लिए ज्यादा से ज्यादा जूनियर प्रतियोगिताओं करवाकर खिलाड़ियाों को स्टेट लेवल तक पहुंचाया जाएगा जिसके बाद नेशनल और फिर प्रदेश के युवाओं को इंटरनेशनल लेवल के कंपीटिशन तक पहुंचाया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी जजपा सरकार की ही होगी।

वहीं जेजेपी वरिष्ठ नेता ने जूनियर प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पर रोक लगाने के फैसले को खेलों के भविष्य बर्बाद करने वाला कदम बताया है। इतना ही नहीं सरकार ने शिक्षण संस्थाओं में दाखिले के लिए खिलाड़ियों को दी जा रही अंकों में छूट को वापस लेने को भी खेलों के लिए घातक कदम बताया है।

उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल प्रदेश में खेल नर्सरियों में तैयार हो रही खिलाड़ियों की पौध रूक जाएगी बल्कि इसका सीधा असर पर हरियाणा के खिलाड़ियों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के प्रदर्शन व उनकी भागीदारी पर पड़ना तय है। दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को पार्टी के खेल प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष व द्रोणाचार्य अवार्ड विजेता महावीर फोगाट, कोच, खिलाड़ियों के साथ प्रदेश की खेल नीति पर मंथन किया।

पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में खट्टर सरकार ने जो रवैया खिलाड़ियों के प्रति अपनाया हुआ है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि न तो प्रदेश सरकार नाम कमाने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर इनकी हौसला अफजाई मेें न तो कोई रूचि रखती है और न ही उन्हें सुविधाएं देने में।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जूनियर, सब जूनियर व विभिन्न खेल संघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को सीनियर प्रतियोगिता के पदक विजेताओं के बराबर ही लाखों रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान था। इसी प्रकार स्कूल व कॉलेज स्तर की प्रोगिताओं में भी नकद राशि देने का प्रावधान था परन्तु प्रदेश की भाजपा सरकार ने उपरोक्त सभी प्रतियोगिताओं में लागू इस नीति को वापस ले लिया, जिसका सीधा असर प्रदेश के उभरते हजारों जूनियर खिलाड़ियों पर पड़ा।

जेजेपी नेता ने कहा कि दुनियाभर में अनेक ऐसे देश हैं जो नर्सियों में तैयार हो रही खिलाड़ियों की नई पौध पर करोड़ों रूपये खर्च करती हैं, उन्हें सुविधाएं देती हैं, जिनके दम पर वही खिलाड़ी खेल जगत में वे आगे चल कर अपने देश का नाम रोशन करते हैं। हरियाणा में सैकड़ों ऐसी खेल प्रतिभाएं हैं जो सरकार और विभिन्न संस्थाओं से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के सहारे ही खेल जगत में आगे बढ़ती हैं।

उन्होंने कहा कि जूनियर प्रतियोगिताओं की प्रोत्साहन राशि पर ब्रेक लगाने से आर्थिक संसाधनों के अभाव में हरियाण के अनेकों प्रतिभावान खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश में अच्छे खिलाड़ियों की पौध ही नहीं होगी तो अच्छे खिलाड़ी कहां से पैदा होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है कि राष्ट्रमंडल जैसी बड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश में पदक दिलवाने में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले हरियाणा की है।

उन्होंने खिलाड़ियों के दाखिले में अंकों की छूट वापस लेने की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूल-कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए खिलाड़ियों को अंकों के आधार पर वरीयता प्रदान करती है परन्तु हरियाणा सरकार ने इस नियम में फेरबदल करते हुए अब दाखिलों में खिलाड़ियों को मिलने वाले अंकों के लाभ को वापस ले लिया है। अब खिलाड़ियों को मिलने वाले अनुग्रह अंकों की नियम को समाप्त कर दिया गया है जिसका सीधा असर खिलाड़ियों पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों खिलाड़ी हैं जो खेल पर अपना ध्यान फोकस करते हैं। आगे की पढ़ाई के लिए खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर मिलने वाली अंकों की छूट के आधार पर उन्हें दाखिला मिल जाता है और उनका मनोबल उंचा रहता है परन्तु अब ऐसा नहीं होने से खिलाड़ियों का हत्तोत्साहित होना लाजमी है।

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