नरेंद्र मोदी सर्वसम्मति से एनडीए के नेता चुने गए, पीएम ने सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास का नारा दिया, 70 साल में माइनॉरिटी के साथ हुए छलावा में छेद करना है

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नरेंद्र मोदी सर्वसम्मति से एनडीए के नेता चुने गए, पीएम ने सबका साथ, सबका विकास और अब सबका विश्वास का नारा दिया, 70 साल में माइनॉरिटी के साथ हुए छलावा में छेद करना है 2

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी को एनडीए के 353 सांसदों ने सर्वसम्मति से एनडीए संसदीय दल का नेता चुना। उनका नाम गठबंधन की ओर से देश के अगले प्रधान मंत्री के रूप में प्रस्तावत किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव सकारात्मक सोच का चुनाव था । जनता की सकारात्मक सोच से हमें अपार बहुमत मिला। इस बार देश चुनाव में भागीदार बना और पसंद जनादेश से हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी है। मैंने कहा 2014 में मैंने किसी केंद्रीय कक्ष में अपने भाषण में कहा था कि यह सरकार देश के गरीबों को समर्पित रहेगी और मैं उस सिद्धांत से एक पल भी स्वयं को विचलित नहीं होने दिया आज में बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं 2019 में सरकार देश के गरीबों ने बनाई।

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संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ,लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान, शिव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सहित एनडीए के सभी दलों के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री तथा सभी दलों के 353 लोकसभा सांसद एवं राज्यसभा के सांसद भी मौजूद थे।

सबसे पहले संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भाजपा संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखने के लिए आमंत्रित किया। अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव किया और भाजपा संसदीय दल की ओर से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह एवं नितिन गडकरी ने प्रस्ताव का समर्थन किया और पार्टी के सभी 303 सांसदों ने हाथ खड़े कर श्री मोदी को अपना नेता चुनने का ऐलान किया । इसके बाद बैठक के दूसरे चरण में श्री तोमर ने एनडीए के संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी का नाम प्रस्तावित करने के लिए गठबंधन के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल को आमंत्रित किया। श्री बादल ने श्री मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें देश के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नेता चुनने का समर्थन किया ।एनडीए के इस प्रस्ताव का समर्थन बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार ने किया। उनके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रधानमंत्री मोदी को एनडीए का नेता चुनने और प्रधानमंत्री पद के लिए नाम प्रस्तावित करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया। साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया और अपने दल के सांसदों का पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया। श्री तोमर ने एनडीए के अन्य दलों की ओर से भी लिखित समर्थन मिलने की घोषणा की। बैठक में एनडीए के सभी 353 लोकसभा सांसदों ने हाथ उठा कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए मनोनीत करने का अनुमोदन किया।करतल ध्वनि के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने श्री मोदी को एनडीए के नेता व पीएम पद के लिए मनोनीत करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने की घोषणा की।

इस अवसर पर सांसदों को नसीहत भरे भाषण में पीएम ने कहा कि देश ने ईमानदारी और परिश्रम का साथ दिया। काम करने के दौरान गलतियां होती हैं और उन गलतियों को झेलने के लिए एनडीए ने मुझे चुना है। गलतियों की जिम्मेदारी मेरी होगी लेकिन मैं एनडीए के सभी दलों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं आपकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा ।2014 में जनता ने जो जनादेश दिया था तब जनता ने हमें जिम्मेदारी देकर एक्सपेरिमेंट किया था और 2019 तक देश हमसे ज्यादा विकास के लिए आगे चला और अब हमारा और पराया कोई नहीं हो सकता। दिलों को जीतने की कोशिश करेंगे ।जनता के प्यार से हमारा सीना चौड़ा होना स्वाभाविक है ।जनप्रतिनिधि को कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए । सबका साथ सबका विकास हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है। हमारे लिए कोई भी देशवासी पराया नहीं है।

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमेरिका के चुनाव में राष्ट्रपति को जितने वोट मिले थे इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में हमें उत्तने प्रतिशत वोट अधिक मिले हैं और 17 से अधिक राज्यों में हमें 50% से अधिक मत मिले हैं।

उन्होंने कहा कि जब भी मैं चुनाव प्रचार के अभियान में जाता था तो मैं कहता था मुझे लगता था कि मैं खुद चुनाव नहीं लड़ रहा बल्कि देश की जनता मेरे लिए चुनाव लड़ रही है। एक पत्रकार ने पूछा कि अगर देश की जनता चुनाव लड़ रही है तो फिर आप देश का इतना दौरा क्यों कर रहे हैं, मैंने उनसे कहा कि मैं चुनाव प्रचार के लिए दौरा नहीं कर रहा बल्कि मैं उनका धन्यवाद करने के लिए देश का दौरा कर रहा हूं।

मैं यह कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार से मेरे लिए तीर्थ यात्रा थी । मैं यह कहता हूं कि जनता जनार्दन ईश्वर का स्वरूप होता है लेकिन मैंने इस बार यह अनुभव किया कि वास्तव में जनता ईश्वर है मेरे लिए और उनका आशीर्वाद हमें मिला । एक नई स्फूर्ति नई उर्जा नया स्पंदन प्राप्त करके हम सब लोगों को आगे चलना है। पीएम ने कहा कि भारत का यह लोकतांत्रिक चुनाव दुनिया के लिए अचंभे का विषय है और इस पर दुनिया अवश्य विचार करेगी। देश में भी आजादी के बाद आज तक हुए सभी चुनाव में से इतना अधिक प्रतिशत में मतदान नहीं हुए। मैं विश्व के नेताओं को जब बताता हूं कि यहां 40 से 45 डिग्री तापमान में लोग मतदान करने जाते हैं तो वे आश्चर्यचकित होते है । वे यह सुनकर भौंचक रह जाते है। खासकर इसमें देश की महिलाओं ने माताओं बहनों ने तो विशेष योगदान दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि इस देश की मातृशक्ति हमारी रक्षा कवच है। इस चुनाव में हिंदुस्तान में पहले हमेशा पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के मतदान का प्रतिशत 5 से 10% कम होता था लेकिन इस बार महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट किया। उन्होंने कहा कि 2014 में मेरे नाम एक रिकॉर्ड था । मुझसे पूछा गया था कि आपका चैलेंजर कौन है तो मैंने कहा था मोदी ही मोदी का चैलेंजर है।आज मोदी ने मोदी को चैलेंज कर दिया और 2014 के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारत की आजादी की बाद संसद में इतनी बड़ी संख्या में पहली बार महिला सांसद बैठेगी यह अपने आप में बहुत बड़ा काम हमारी मातृ शक्ति के द्वारा हुआ है।

उन्होंने कहा कि यह बात हम मानकर चलें कि देश के उज्जवल भविष्य के लिए गठबंधन की राजनीति को हमने अपने आदर्शों और सिद्धांतों का हिस्सा बनाना ही पड़ेगा। कोई एक दल कितना ही बड़ा क्यों ना हो जाए लेकिन राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए अटल बिहारी वाजपेई का सपना हिंदुस्तान को एक बड़ा देन है । उन्होंने गठबंधन की राजनीति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया था। आज की सभा में उनकी तस्वीर हमें आशीर्वाद दे रही है। उन्होंने कहा कि अब एनडीए इस देश में एक विश्वस्त आंदोलन बन गया है। देश के अंदर गठबंधन की राजनीति में और और स्थाई खेल नहीं एक स्थाई साथ चलने के पक्के इरादे के साथ चलने की जरूरत है । मैं समझता हूं कि एनडीए को हमें और अधिक सशक्त करना है। यह बात मैं देश की जनता ने जब 303 दिए तब मैं कहता हूं। इसके प्रति मेरा कितना कमिटमेंट है या दिखाता है

उन्होंने कहा कि दो प्रमुख बातों पर एनडीए देश को आगे ले जाने की ताकत रखता है। एक है रीजनल एस्पिरेशंस और दूसरी है नेशनल एंबीशन। इन दोनों का मेल और इन दोनों की पटरी पर देश विकास की गति पकड़ता है ।भारत जैसे देश में नेशनल एंबीशन उसमें कंप्रोमाइज कभी नहीं होना चाहिए अन्यथा देश को बड़ा नुकसान होता है लेकिन रीजनल एस्पिरेशंस के प्रति उपेक्षा देश के लिए नए संकट पैदा कर सकता है। इसलिए प्रबल नेशनल एंबीशन के साथ साथ रीजनल एस्पिरेशंस के प्रति संतुलन सकारात्मक हमारा आचरण होगा। इसे मूलभूत सिद्धांतों के रूप में एनडीए को चलाएं ।उन्होंने इसे नारा शब्द से संबोधित किया नेशनल एंबीशन और रीजनल एस्पिरेशन।

उन्होंने कहा कि हमें यह देखना है कि एनडीए की विशेषता क्या है। दो चीजों को लेकर हमें आगे बढ़ना पड़ेगा। अटल जी, आडवाणी जी ने जो शुरू किया था इस देश को जो दिया वह है एक विश्वास ।उस को आगे बढ़ाना हम सबका दायित्व है। हम उन महान विरासत को संस्कारों को आगे बढ़ा सकते हैं ।उसको ताकत दे सकते हैं ।इसमें आडवाणी जी और प्रकाश सिंह बादल जी पुराने लोग हैं जबकि शिवसेना के बाला साहब ठाकरे जी नहीं है उनकी जगह उद्धव ठाकरे जी हैं और अटल बिहारी वाजपेई जी की जगह मैं हूँ।

उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों की अलग कार्य संस्कृति है अपनी विचारधारा है। अपना मेनिफेस्टो है ।तभी तो अलग पार्टी है। क्योंकि हम सबके लिए देश प्राथमिकता है और हमें आगे बढ़ाने में सफलता मिलेगी ऐसा मुझे विश्वास है। हम कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि हम पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल देखें तो इसके लिए हमें किसी को दोष देने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने सांसदों को नसीहत दी कि हम सब जब आए हैं तो इस बात को तय कर सकते हैं कि हम अनावश्यक किसी विषय पर अनर्गल बोलने से बचें ।उन्होंने कहा कि आडवाणी जी जब पार्टी का नेतृत्व करते थे तो हम लोगों को दो चीजों से बचने के लिए कहते थे एक था छपास और दूसरा दिखास। हमें इससे बचना चाहिए नहीं तो बहुत सारी समस्या खड़ी होती है।

उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने हमेशा चमकने का हमारा मोह हमें संकट में डालता है। इसलिए हमें इससे बचना चाहिए क्योंकि आपको देश माफ नहीं करेगा। हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं। हमें इन जिम्मेदारियों को निभाना है। उन्होंने आगाह किया कि कभी-कभी कुछ लोग ऑफ द रिकॉर्ड बात करने को आते हैं ।आपको इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए। ऑफ द रिकॉर्ड आज दुनिया में कुछ नहीं होता इसलिए सतर्क रहिए ।इन चीजों से बचना चाहिए ।आज मैं सार्वजनिक तौर पर इसलिए ऐसी बातें कह रहा हूं क्योंकि ऐसी छोटी-छोटी चीजें कितना बढ़िया निर्णय कितना अच्छा आपने काम किया हो वह सब ध्वस्त हो जाता।

उन्होंने विपक्ष के प्रति आगाह किया कि उन्होंने 70 साल तक देश पर राज किया है । वह मुझे आसानी से स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए हमें इस तरह के ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत से या अनावश्यक अनर्गल किसी विषय पर बोलने से बचना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारी चार चार पीढ़ियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं का पुरुषार्थ है कि आज हमें यह अवसर मिला। इसलिए हमारे भीतर का कार्यकर्ता जिंदा रहना चाहिए ।थोड़ा सा भी अहंकार अपने आसपास की सब को दूर कर देता है और हमें भी आदत हो जाती है एक नए प्रकार के मंडल के भीतर जीने की आदत हो जाती।

मैं इसलिए अपना कर्तव्य निभा रहा हूं आपको आगाह कर के ही कभी ऐसा कुछ नहीं हो जाए जिससे मुझे पछतावा हो कि मैंने उनको पहले नहीं बताया। हमें यह मानकर चलना चाहिए कि हम हमारी हैसियत से न जीत कर आते हैं और ना ही कोई वर्ग विशेष हमें जिताता है ना कोई जाति विशेष हमें जिताता है और न हीं मोदी हमें जिताता है । पीएम ने कहा कि हमें सिर्फ और सिर्फ इस देश की जनता जिताती है। हम जो कुछ भी हैं मोदी के कारण नहीं है । जनता जनार्दन के कारण हम अपनी योग्यता के कारण नहीं बल्कि जनता जनार्दन की आशीर्वाद के कारण। हमें जन के आदेश का सम्मान करना है और जन के आदेश का पालन करना है।

उन्होंने आगाह किया कि सार्वजनिक जीवन में नेता का संबंध जनता के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे के समान होना चाहिए। इसमें आपको अनुभव शीघ्र ही ऐसा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी तो कई अखबारों ने मीडिया चैनलों ने कई प्रकार के मंत्रिमंडल बना दिए और इस प्रकार तय हो गया है कि सभी को लगता है कि मैं मंत्री बनने वाला हूं। अगर सब का हिसाब लगाया जाए तो बस 50 एमपी के आसपास ही रह जाएंगे बिना मंत्री बने ।आपको यह मानना पड़ेगा कि अखबारों की ओर से यह भ्रमित करने के लिए इस तरह की बातें छप रही हैं। आप को दिग्भ्रमित करने के लिए ऐसी बातें प्रकाशित कर रहे हैं ।यहां तक कहेंगे कि आपका नाम मैंने कंप्यूटर पर देखा था। राष्ट्रपति भवन चली गई आप की सूची। वहां से नाम कट गया। मैं आप सब को आगाह करना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं होता।

उन्होंने आगाह किया कि अगर कोई आकर आपको यह कहने की कोशिश करें कि चलो मैं आपको मंत्री बनवा देता हूं मेरा तो खास है इस चक्कर में आप नहीं पड़ना। कभी भी क्योंकि यह सारी चीजें जो नॉर्म्स रहे हैं उसके आधार पर निर्धारित होती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत लोग होंगे जो आप को गुमराह करेंगे। सरकार को कोई बनाने वाला नहीं है जिसकी जिम्मेवारी है वही बनाने वाले हैं ।अखबार के पन्नों से मंत्री नहीं बनाए जाते हैं इसलिए सपथ समारोह तक मेहरबानी करके ऐसी बातों से दूर रहें।

उन्होंने पहली बार चुनकर आए सांसदों को आगाह किया कि आप किसी प्रकार की अनावश्यक किसी अपरिचित से कोई सेवा ना लें ।उन्होंने कहा कि आप कृपा करके इन चीजों से बचें ।सेवाभावी लोगों से बचें अन्यथा बड़ी परेशानी में फंस जाएंगे। जो पुराने लोग हैं उनको मालूम है लेकिन नए लोगों को इनसे बचने की जरूरत है। स्टेशन से उतरते ही आपके लिए गाड़ी लेकर खड़े रहेंगे। दिल्ली दिखाने के लिए खड़े रहेंगे, संसद तक पहुंचाने को खड़े रहेंगे। उन्होंने सांसदों को अपने निजी सचिव चुनने में भी सावधानी बरतने को कहा। कम से कम 10 से 15 साल के अनुभव वाले लोगों को चुने अन्यथा आपके लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। उन्होंने वीआईपी कल्चर के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा देश को इससे सख्त नफरत है।

उन्होंने कहा कि युग बदल चुका है। जनता जनार्दन बेहद सतर्क है। इसलिए अपने को दिखावे में ना बल्कि वास्तविकता में जीने की आदत डालनी चाहिए ।अगर कहीं सुरक्षा की जांच करानी हो तो हमें भी लाइन में लगकर खड़े होने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए अन्यथा सामान्य मानवीय के मन में इन चीजों के प्रति सख्त घृणा है।

हमें वीआईपी कल्चर से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का काम तो एक है लेकिन आप एमपी हिंदुस्तान के हैं अपने आप को एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण से डेवलप करना होगा क्योंकि आप लॉ मेकर हैं। उन्होंने कहा गांधी लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय उनके विचारों में फ्लेवर एलू कि आज विभिन्न दलों में देश की राजनीति पर प्रभाव डाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में गरीब एक राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का विषय रहा। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में गरीबों के साथ जो छल चल रहा था हमने उस क्षण में छेद किया है।

उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद अगर वह हमसे जीने की अपेक्षा करें घर की अपेक्षा करें शौचालय की अपेक्षा करें बिजली की अपेक्षा करें तो यह उनका हक बनता है। मुझे विश्वास है कि मुझे ऐसे साथ ही मिले हैं जो देश की इस तरह की जिम्मेदारी को निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। जैसा देश में गरीबों के साथ हुआ है वैसा ही छल इस देश में माइनॉरिटी के साथ हुआ है। दुर्भाग्य से माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित रखा गया है ऐसा भयभीत रखा गया है। अच्छा होता उसकी शिक्षा की चिंता होती ।अच्छा होता उसमें सामाजिक जीवन के विभिन्न स्तर के नेता पैदा होते। समाज के अन्य वर्गों की बराबरी में उन्हें भी आर्थिक समानता मिलती। लेकिन वोट बैंक की राजनीति में एक छलावा एक काल्पनिक है ।एक काल्पनिक वातावरण डर का माहौल पैदा कर उसे दूर रखा। दबाकर रखा। सिर्फ चुनाव में उपयोग करने का खेल चला। मैं आज जिम्मेवारी के साथ या फिर कहने आया हूं कि संविधान की शपथ सागर आपके सामने खड़ा हुआ हूं। आपसे आग्रह करता हूं कि हमें इस छलावा में छेद करना है। हमें उन माइनॉरिटी का भी विश्वास जीतना है। 1857 के संग्राम में इस देश के हर जाति ने हर वर्ग ने कंधा से कंधा मिलाकर अंग्रेज शासक के खिलाफ लड़ा था। आजादी के 75 साल के दरवाजे पर दस्तक देने को खड़े हैं। देश की एकता और अखंडता के लिए भारत के संविधान की शपथ लेने वाली 1857 की स्पिरिट को पैदा करना है।

उन्होंने कहा कि देश ने हमें एक बहुत बड़ा दायित्व दिया है और उस दायित्व को निभाना है जो हमारे घोर विरोधी हैं हमें उनका भी काम करना है। हम 120 करोड़ देशवासियों के लिए हमारे लिए कोई भेद नहीं। इसलिए हमें आज बाबा साहब अंबेडकर की निर्मित संविधान को साक्षी मानकर आगे बढ़ना है। हमें पुराने तरीके से नहीं बल्कि हमें 21वीं सदी में हिंदुस्तान को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है ।समाज का कोई वर्ग छूट नहीं जाना चाहिए और जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह संकल्प और मजबूती से लेना हैं और अधिक ताकत से काम करते रहना है। देश को प्राथमिकता देते हुए चलना है और माइनॉरिटी के साथ जो छलावा हुआ उसमें भी छेद करना है।

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