प्रदूषण नियंत्रण को लेकर आपात बैठक
कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार
नई दिल्ली : दिल्ली में वायू प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुँचने के बाद जगे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने घर पर आनन् फानन में दिल्ली कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई. बैठक में यह तय किया गया है कि स्कूल अगले तीन दिन तक बंद रहेंगे. किसी भी प्रकार के मकानों को गिराने और निर्माण की सभी गतिविधियों पर अगले पांच दिनों तक प्रतिबन्ध रहेगा. इसके अलावा कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर केंद्र सरकार से चर्चा की जाएगी.
घर से ही काम करें
सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों पर छिड़काव किया जाएगा जिससे धूल न उड़े. केजरीवाल ने कहा कि सभी स्कूल अगले तीन दिनों तक बंद रहेंगे. स्वास्थ्य विभाग कल पहला प्रदूषण परामर्श जारी करेगा. उन्होंने लोगों से अपील की हैं कि वे घरों में रहें और अगर संभव हो तो घर से ही काम करें. उन्होंने स्पष्ट किया की दिल्ली सरकार सम-विषम की तैयारी कर रही हैं. अगले कुछ दिनों तक आकलन कर फिर जरूरत पड़ी तो इसे लागू किया जा सकता है.
प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 17 गुना अधिक
गौरतलब है की शनिवार को केजरीवाल ने दिल्ली को एक गैस चैंबर बताया था . केंद्र सरकार ने भी कहा कि दिल्ली खतरनाक प्रदूषण स्तर के चलते एक आपात स्थिति का सामना कर रही है. राजधानी में कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 17 गुना अधिक होने से शहर पर धुंध की एक काली चादर छाने के बाद केंद्र और दिल्ली सरकार ने चिंता जाहिर की थी.
दिल्ली केबिनेट में लिए गए फैसले :
– बदरपुर थर्मल प्लांट को अगले 10 दिन के लिए बंद किया जा रहा है.
– सोमवार से दिल्ली की सड़कों पर पानी का छिड़काव होगा
– जरूरत पड़ी तो ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करेंगे.
– 10 दिन तक दिल्ली में जेनरेटर पर रोक. दिल्ली में कूड़ा जलाने पर रोक.
– वैक्यूम क्लीनिंग 10 तारीख से शुरू होगी. वाहनों का इस्तेमाल न्यूनतम करने की भी अपील
पंजाब व हरियाणा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार
उल्लेखनीय है की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पर्यावरण मंत्री अनिल दवे से मुलाकात कर इससे निपटने में केंद्र के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. केजरीवाल ने इसका मुख्य कारण पंजाब और हरियाणा से खेतों में खूंटी जलाने से उठने वाला धुआं बताया था. उनके अनुसार जिन अवैध निर्माण वाले इलाकों में बिजली कनेक्शन न होने की वजह से डीजी का इस्तेमाल होता है, उन्हें बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे निर्माण आधिकारिक हो जाएंगे.
पत्तों को जलाने पर रोक
उन्होंने बताया कि पत्तों को जलाने पर पूरी तरह रोक है, इसके लिए एक ऐप तैयार हो रहा है जिसके ज़रिए अधिकारियों को सूचना दी जा सकती है कि इस इलाके में पत्तों को जलाया जा रहा है.
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में मन था कि ऑड-ईवन जैसे वाहन सीमित करने के उपाय धुंध कम करने में सफल नहीं होंगे. क्योंकि अध्ययन से यह बात सामने आई है कि पंजाब और हरियाणा से बड़ी मात्रा में आने वाले प्रदूषणकारी धुएं ने स्थिति बिगाड़ दी है.
स्थिति बहुत ही खराब : दवे
पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने कहा कि स्थिति बहुत ही खराब है और इससे निपटने के लिए तत्काल अल्पकालिक उपाय करने की जरूरत है। दवे ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल के साथ आपातकालीन उपायों’ पर चर्चा की है. इसमें धूल, प्रदूषण और फसल जलाने पर नियंत्रण के तरीके शामिल थे.
उन्होंने कहा, ‘वायु प्रदूषण के पांच कारण हैं जिसमें लकड़ी, कोयला, डीजल, पेट्रोल और कृषि कचरा जलाना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अपनी जीवन शैली में अनुशासन लाना चाहिए. यदि मैं अपनी चार कारों का इस्तेमाल कम नहीं करूं और अन्य से अपेक्षा करूं कि वे साइकिल इस्तेमाल करेंगे तो ऐसा नहीं होना चाहिए, हमें सामूहिक रूप से आत्मनियमन अपनाना चाहिए.