नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के बाहर वकील और महिला कार्यकर्ताओं ने आज विरोध प्रदर्शन किया । इसके कारन न्यायालय परिसर के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। यह प्रदर्शन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोप से निपटने के लिए अपनाए गए तरीके के खिलाफ किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कोर्ट परिसर से बाहर खदेड़ दिया।
गौरतलब है कि तीन जजों वाली इनहाउस कमेटी ने एक स्वर में जस्टिस रंजन गोगोई को निर्दोंष पाया और शिकायतकर्ता की शिकायत को खारिज कर दिया। पैनल ने अपने निष्कर्ष में कहा कि 19 अप्रैल से पहले जब शिकायतकर्ता ने 22 जजों को लिखा तो यौन शोषण या पीड़ित किए जाने संबंधी आरोप नहीं लगाए जबकि दिसंबर 2018 में अनुशासनात्मक कार्रवाई को चुनौती देते वक्त उनके पास ये मौका था।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की इनहाउस जांच कमेटी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों से क्लीन चिट दे दी थी। इसके साथ ही आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत भी खारिज कर दी थी। कमेटी ने कहा था कि कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी के आरोपों में दम नहीं है। इस मामले पर की गयी जांच की प्रक्रिया को गोपनीय रखने का निर्णय लिया गया है लेकिन कई वकील इसे शिकायतकर्ता को मुहैया कराने की वकालत कर रहे हैं. हालाँकि इस प्रकार की परम्परा नहीं है. शिकायतकर्ता ने जांच में शामिल होने बाद दुसरे दिन खुद को अलग कर लिया था . इस इन हाउस कमिटी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी अपना पक्ष रखने को बुलाया था.