मुंबई। अंधविश्वास के खिलाफ अलख जगाने वाले कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या मामले में जांच की धीमी गति को लेकर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को फटकार लगाने के अगले दिन राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उनकी ओर से इस संबंध में कोई देरी नहीं हुई है।
दाभोलकर हत्या मामले की जांच सीबीआई जबकि राज्य की सीआईडी पानसरे मामले की जांच कर रही है।
उच्च न्यायालय ने तर्कवादियों की हत्या मामले में जांच की धीमी रफ्तार पर बृहस्पतिवार को नाखुशी जाहिर की थी और पूछा था कि क्या इन मामलों का जायजा लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पास वक्त नहीं है।
अदालत ने कहा था, ‘‘मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? उनके पास गृह सहित 11 विभाग हैं लेकिन मामले का जायजा लेने के लिये उनके पास वक्त ही नहीं है। जांच से अड़चनें हटाने के लिये उनके डेप्युटी के पास शक्ति नहीं है?’’
न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति बी. पी. कोलाबावाला की पीठ ने कहा था, ‘‘यह ‘‘शर्मनाक’’ है कि लगभग हर जांच में अदालती दखल की आवश्यकता पड़ती है।’’
अदालत की इस टिप्पणी पर तावड़े ने शुक्रवार को दावा किया कि जहां तक पानसरे हत्या मामले के संबंध में जांच पर फैसला लेने की बात है तो फड़णवीस की ओर से कोई देरी नहीं हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘कानून यह साफ कहता है कि मुख्यमंत्री या मंत्री को किसी जांच में दखल नहीं देनी चाहिए। एक बार हमें आदेश मिल जाये तो हम उच्च न्यायालय के समक्ष अपना रुख पेश करेंगे।’’