चुनाव के दौरान गृह जिले से हटाए जायेंगे अधिकारी : निर्वाचन आयोग

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चंडीगढ़ :  भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि चुनाव से सीधे तौर पर जुड़े ऐसे किसी भी अधिकारी को वर्तमान पोस्टिंग वाले जिले में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो अपने गृह जिले में तैनात है, यदि उसने पिछले चार वर्षों के दौरान उस जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं या 31 मई, 2019 को या उससे पहले 3 साल पूरे कर रहा है।
हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ० इन्द्र जीत ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने 25 फरवरी, 2019 तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

इन निर्देशों के तहत डीईओ, डिप्टी डीईओ, आरओ/एआरओ, ईआरओ/एईआरओ जैसे विशिष्ट चुनाव डयूटी के लिए नियुक्त अधिकारी, किसी भी विशिष्ट चुनाव कार्य के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त अधिकारी ही नहीं बल्कि एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलैक्टर/ ज्वाइंट कलैक्टर, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी या प्रत्यक्ष रूप से चुनाव कार्यों के लिए तैनात समान पद के अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे।
ये निर्देश पुलिस विभाग के अधिकारियों जैसे कि-रेंज आईजी, डीआईजी, राज्य सशस्त्र पुलिस कमांडेंट, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस के उप-मंडल प्रमुख, एसएचओ, निरीक्षक, उप-निरीक्षक, आरआई/सार्जेंट मेजर या समकक्ष रैंक के उन अधिकारियों पर भी लागू होंगे, जो जिले में सुरक्षा व्यवस्था या चुनाव के समय पुलिस बलों की तैनाती के लिए जिम्मेदार हैं।
हालांकि, यह स्थानांतरण नीति आमतौर पर डॉक्टर, इंजीनियर, अध्यापकया प्रिंसिपल जैसे उन अधिकारियों/ कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी जो प्रत्यक्ष रूप से चुनावों से जुड़े हुए नहीं हैं।

डॉ० इन्द्र जीत ने बताया कि निर्देश दिए गए हैं कि जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ आयोग द्वारा विगत में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी और जो लम्बित है या जिसके परिणामस्वरूप उसे जुर्माना हुआ है या जिन अधिकारियों पर विगत में किसी भी चुनाव या चुनाव सम्बंधी कार्य में किसी चूक का आरोप लगाया गया है, को चुनाव सम्बंधी कोई भी ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी।
आयोग ने चाहा है कि ऐसे किसी भी अधिकारी या कर्मचारी, जिसके विरुद्ध न्यायालय में कोई आपराधिक मामला लंबित है, को चुनाव सम्बंधी ड्यूटी पर तैनात न किया जाए।

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