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चंडीगढ़, धर्मेंद्र यादव । 33वां सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले की बड़ी चौपाल विभिन्न देशों की संस्कृतियों व भारत के अलग-अलग राज्यों की कलाओं के संगम का अनूठा मंच बन गई है। जांबिया, इजिप्ट, वुरूण्डी, सूडान से आए कलाकारों के दलों की प्रस्तुति, थीम राज्य महाराष्ट्र के साथ गुजरात की लोक संस्कृति तथा हरियाणा के अंबाला व फरीदाबाद के स्थानीय एपीजे स्कूल, सेक्टर 15 के विद्यार्थियों से गुरूवार को बड़ी चौपाल का पहला सत्र गुलजार रहा।
जांबिया देश से आए लॉजी ग्रुप के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति में अपने लोक नृत्य के साथ-साथ आग के जलते हुए शोलों को खाने का हैरत अंगेज प्रदर्शन किया। इस दल की प्रस्तुति ने दर्शक दीर्घा से खूब तालियां बटोरी। वहीं सूडान देश के कलाकारों ने भारत-सूडान एकता का अदभुत संदेश दिया। खुशहाली के प्रतीक सूडानी लोक नृत्य के दौरान कलाकारों की वेशभूषा पर भारत और सूडान के राष्ट्रीय ध्वजों की झंडियां नजर आई।
वुरूण्डी देश से आए कलाकारों ने अध्यात्म, धर्म, हर्ष-उल्लास तथा खुशी पर आधारित अपने पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति दी। वुरूण्डी के लोक वाद्यों की धुन व धुन के साथ उठते कलाकारों के पांव ने दर्शक दीर्घा को भी हर्षोंल्लास से भर दिया। बड़ी चौपाल के मंच से इजिप्ट के तंदुरा नृत्य की प्रस्तुति भी जोरदार रही। विदेशों से आए कलाकारों को स्थानीय दर्शकों से भी पूरा सहयोग मिला।
बड़ी चौपाल के पहले सत्र में थीम राज्य महाराष्ट्र के कलाकारों ने अपने पारंपरिक पालकी नृत्य की प्रस्तुति दी। कलाकारों ने 80 किग्रा वजनी पालकी को उठाकर अपनी लोक संगीत लहरियों के साथ नृत्य किया। केवल पुरूषों द्वारा किया जाने वाला यह नृत्य महाराष्ट्र के ग्रामीण जनजीवन में खूब लोकप्रिय है। वहीं गुजरात से आए कलाकारों के दल ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश पर आधारित लोक नृत्य प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र और गुजरात के सांस्कृतिक दल को स्थानीय दर्शकों से खूब वाहवाही मिली।
फरीदाबाद में सेक्टर 15 स्थित एपीजे स्कूल के बच्चों ने भगवान शिव पर आधारित नटराज नृत्य की प्रस्तुति दी। एक दर्जन से अधिक स्कूली छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति से बड़ी चौपाल के मंच को भव्य बना दिया। वहीं अंबाला से आए हंसराज के तारा ग्रुप के कलाकारों ने भी पंजाबी लोक गीतों की जोरदार प्रस्तुति दी। ढोलक,तुंबा, खंजरी, इकतारा से उठने वाली लहरियों के साथ पंजाबी बोली के गीतों पर दर्शक भी झूमते नजर आए। इतना ही नहीं बड़ी चौपाल में प्रस्तुति देने आए विदेशी दलों के कलाकारों ने भी इन प्रस्तुतियों का भरपूर लुत्फ लिया।