मौसम में बदलाव के बावजूद सूरजकुंड मेले में खूब गहमागहमी रही

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चंडीगढ़, धर्मेंद्र यादव। हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहे 33वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के सातवें दिन मौसम में बदलाव के बावजूद खूब गहमागहमी रही। पहली से 17 फरवरी तक चलने वाले मेले में गुरूवार को खूब रौनक देखी गई। मेले की मुख्य सडक़, छोटी-बड़ी चौपाल, फूड कोर्ट, शिल्पकारों की स्टालों पर दिन भर पर्यटक उमड़े।
मेले में नई दिल्ली ही नहीं बल्कि फरीदाबाद, गुरूग्राम, नोएडा सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे। पर्यटकों में बड़ी संख्या स्कूल कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं की रहीं। गुरूवार को वर्किंग डे होने तथा मौसम में बदलाव के बावजूद मेले में पर्यटक उम्मीद से अधिक रहें। वहीं मेला परिसर में आने वाले खास लोगों में गुरूवार को लातविया की भारत में राजदूत एस्मराल्डा बर्तुले, बांग्लादेश हाईकमीशन से इतिदुल हक, झारखण्ड खादी बोर्ड के चेयरमैन संजय सेठ सहित केंद्रीय मंत्री के परिवार के सदस्यों व अनेक वरिष्ठ अधिकारियों के परिजन भी पहुंचे।
स्कूल-कॉलेज से आए ग्रुप्स की सबसे अधिक भीड़ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रहीं। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने मेला में ढोल, बीन व बंचारी की नगाड़ा पार्टी की थाप का भरपूर आनंद लिया। युवा पर्यटक मेला के विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक मंडलियों की प्रस्तुतियों पर थिरकते नजर आए। मेला में बने सेल्फी प्वाइंट्स पर भी युवाओं की दिन भर भीड़ देखी गई। मेला परिसर में हरियाणवी लोक गीत व रागिनी की प्रस्तुति देने वाली टीम के इर्द-गिर्द भी अच्छा खासा जमघट लगा रहा। वहीं मुख्य सडक़ पर मेला के थीम राज्य महाराष्ट्र की चौपाल में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र रहें।
मेला में बच्चों के साथ पहुंचे परिवारों ने एम्यूजमेंट जोन में झूलों का भी दिन भर आनंद लिया। मेला में हस्त-शिल्प उत्पादों लेकर पहुंचे शिल्पकारों के स्टालों पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने खरीददारी की। वस्त्र, सजावट का सामान, बच्चों के खिलौने-टेडी बीयर, धूप-अगरबत्ती आदि उत्पादों पर पर्यटकों का विशेष फोकस रहा। हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों द्वारा तैयार उत्पाद, वीटा, शुगरफेड हरियाणा आदि सहकारी प्रसंघों के उत्पादों को लेकर भी पर्यटकों में खूब आकर्षण नजर आया।

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