देश ने मनाया 70वां गणतंत्र दिवस, राजपथ पर पहली बार दिखे 90 साल से अधिक उम्र के सैनिक, सेना के पराक्रम को देख अभिभूत हुए लोग

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नई दिल्ली। देशभर में आज 70 वां गणतंत्र दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। राजपथ पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में इस बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री व सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी अमर जवान ज्योति शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों ने गणतंत्र दिवस परेड का लुत्फ उठाया और हर क्षेत्र में देश के विकास की झांकियों का अवलोकन किया।

गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण राजपथ पर होने वाली परेड रही। लगभग 90 मिनट की इस परेड में कई राज्यों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और जनजातीय अतिथियों की झांकिया पेश की गईं। इसके अलावा भव्य परेड में तीनों सेनाओं का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। आसमान में वायुसेना के विमान करतब करते हुए नजर आए। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित 26 बच्चे भी झांकी का हिस्सा बने । यहीं नहीं अर्धसैनिक बलों के जवानों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजपथ पर 70वें गणतंत्र दिवस का जश्न कड़ी सुरक्षा के बीच मनाया गया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा इस समारोह के मुख्य अतिथि रहे। ध्वजारोहण के दौरान बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसी के साथ तिरंगा भी फहराया गया। इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोबिन्द ने लांस नायक अयूब अली (मरणोपरांत) को अशोक चक्र से सम्मानित किया । अयूब के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया। इसके बाद परेड जारी है। सेना की अलग-अलग टुकड़ियां अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। परेड की शुरुआत में T-90 टैंक की झांकी ने सबका ध्यान खींचा। मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा अपनी पत्नी के साथ बेहद उत्सुकता के साथ परेड का आनंद लेते दिखे।

इस बार झांकी की सबसे बड़ी खासियत रही आजाद हिंद फौज के 90 साल से अधिक उम्र के चार सैनिकों की मौजूदगी, जिन्होंने सैनिक परेड में हिस्सा लिया। गणतंत्र दिवस परेड के मद्देनजर राजपथ से लेकर लालकिले तक के आठ किलोमीटर के परेड मार्ग पर कड़ी निगरानी के लिए सामरिक रुप से महत्वपूर्ण स्थानों पर महिला कमांडो, अचूक प्रहार करने वाली चलती-फिरती टीमें, विमानविरोधी तोपें और अचूक निशानेबाज तैनात किये गये थे।सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

दिल्ली पुलिस के अनुसार पराक्रम वाहन रणनीतिक स्थानों की गश्ती करते रहे ताकि सुरक्षा में कोई समझौता न हो। मध्य दिल्ली में सामरिक रुप से महत्वपूर्ण स्थानों पर करीब 25,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे।

गणतंत्र दिवस पर कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा सभी स्टेशनों पर उपलब्ध रही। लेकिन सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन स्टेशनों पर मेट्रो में चढ़ने-उतरने की अनुमति नहीं दी गई। परेड विजय चौक से सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर शुरू हुई और राजपथ, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग से होकर लाल किला पहुची।

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