नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग, नौवहन तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारत पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) के अंतर्गत 1,72,517 पुलों / संरचनाओं को शामिल किया है। अब केंद्र सरकार इन पुलों व पुलियो की हालत के बारे में प्रत्येक वर्ष मानसून से पहले रिपोर्ट तैयार करेगी और इसकी देखरेख की व्यवस्था करेगी। इन संरचनाओं में 1,34,229 पुलिए (कल्वर्ट), 32,806 छोटे पुल, 3,647 बड़े पुल तथा 1,835 अधिक बड़े पुल शामिल हैं। पहले राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के इन संरचनाओं के बारे में वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।
इन संरचनाओं में 1,34,229 पुलिए (कल्वर्ट), 32,806 छोटे पुल, 3,647 बड़े पुल तथा 1,835 अधिक बड़े पुल शामिल हैं। पहले राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के इन संरचनाओं के बारे में वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।
आंकड़ों को डिजिटल रूप में विकसित करने, राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों की पहचान करने, पुलों/संरचनाओं की स्थिति का सर्वेक्षण करने तथा सूची बनाने और कमजोर पुलों की पहचान करने तथा संबंधित एजेंसी को मरम्मत, पुनर्निर्माण या नया निर्माण के लिए सूचित करने के लिए आईबीएम प्रणाली का निर्माण किया गया है।
श्री मंडाविया ने कहा कि अगले तीन वर्षों तक प्रत्येक वर्ष मॉनसून के पहले और बाद में पुलों/संरचनाओं की वास्तविक स्थिति से संबंधित आंकड़ों को इकट्ठा किया जाएगा। इसके लिए मोबाइल ब्रिज इंस्पेक्शन यूनिट (एमबीआईयू) का उपयोग किया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए 11 परामर्शदात्री कंपनियों की नियुक्ति की गई है। स्थिति सर्वेक्षण रिपोर्ट तथा कंपनियों के परामर्श के आधार पर अधिक ऊंचाई वाले तथा अधिक भार वाले वाहनों के परिवहन के संबंध में अनुमति दी जाएगी (ओडीसी/ओडब्ल्यूसी)। इससे संरचनाओं के भविष्य में प्रबंधन/मरम्मत/पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी।