पोर्ट ब्लेयर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर का दौरा किया। यहां उन्होंने ने शहीद स्तंभ पर माल्यार्पण किया एवं सेल्यूलर जेल का दौरा किया। सेल्यूलर जेल में उन्होंने वीर सावरकर एवं अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की कोठरियों का दौरा किया। उन्होंने उच्च मस्तूल ध्वज फहराया तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा भारतीय भूमि पर तिरंगा फहराने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, सिक्का एवं फर्स्ट डे कवर जारी किया।
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा, कनेक्टिविटी एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों से संबंधित विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला का भी अनावरण किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह केवल भारत की प्राकृतिक सुन्दरता के प्रतीक भर नहीं है, बल्कि भारतीयों के लिए वे तीर्थ स्थल जैसे स्थान हैं। उन्होंने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सामूहिक संकल्प का स्मरण कराते हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वीप समूहों को सशक्त बनाने तथा विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज जिन विकास परियोजनाओं का अनावरण किया गया है, वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पर्यटन एवं रोजगार के क्षेत्रों में इस ध्येय को और आगे बढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री ने सेल्यूलर जेल एवं उस बिंदु, जहां नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 75 वर्ष पहले तिरंगा फहराया था, के अपने दौरे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सेल्यूलरजेल, जहां हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का उत्पीड़न हुआ, उनके लिए किसी पूजा स्थल से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र कभी भी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को नहीं भूलेगा।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी के आह्वान पर अंडमान के कई युवाओं ने खुद को भारत की स्वतंत्रता पर समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि 150 फीट ऊंचे मस्तूल पर ध्वज 1943 में आज के दिन की याद को संरक्षित रखने का एक प्रयास है,जब नेताजी ने तिरंगा फहराया था।
इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि रॉस द्वीप समूह का नाम अब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप रखा जाएगा; नील द्वीप समूह को शहीद द्वीप के नाम से पुकारा जाएगा एवं हैवलॉक द्वीप का नया नाम अब स्वराज द्वीप होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के लोग नेताजी के विजन के अनुरूप एक मजबूत भारत का निर्माण करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश भर में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने नायकों का स्मरण करना और उनका सम्मान करना एकीकरण की हमारी भावना को मजबूत करने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार हमारे इतिहास के प्रत्येक गौरवशाली अध्याय को रेखांकित करने का प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने बाबा साहेब अम्बेडकर,राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल एवं स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से संबंधित पंच तीर्थ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और सरदार पटेल के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कारों की भी घोषणा की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवीन भारत, जिसका निर्माण इन महान नेताओं की प्रेरणा के साथ किया जा रहा है, के केंद्र बिंदु में विकास है।
उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण की आवश्यकताओं के अनुरूप द्वीप समूहों का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के एक हिस्से के रूप में पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों को जहां तक संभव है, आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर डॉकयार्ड के विस्तार की बात की, जो बड़े जहाजों के रख-रखाव में सक्षम होगा। उन्होंने दो सप्ताह के भीतर द्वीप समूहों में ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर एक रिपोर्ट मांगी और कहा कि जैसे ही रिपोर्ट की जांच हो जाएगी, केन्द्र सरकार हर संभव सहायता देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नया समेकित टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चेन्नई से समुद्र के भीतर ऑप्टिकल फाइबर केबल अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने जल, बिजली, स्वच्छ ऊर्जा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी विकास कार्यो की चर्चा की।