नई दिल्ली : बेल्जियम के ब्रसेल्स में 12 से 16 नवंबर, 2018 तक किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (केपीसीएस) की पूर्ण बैठक आयोजित की गई। यूरोपीय संघ ने भारत को 1 जनवरी, 2019 से केपीसीएस की अध्यक्षता सौंप दी।
पूर्ण बैठक के अंतिम दिन यूरोपीय संघ की विदेश मामले और सुरक्षा नीति के प्रतिनिधि और वाइस प्रेसीडेंट सुश्री फेडरीका मोघेरीनी ने भारत को वर्ष 2019 से केपीसीएस की अध्यक्षता सौंपी। वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
अपने समापन भाषण में वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन ने कहा कि 1 जनवरी, 2019 से किम्बरले प्रक्रिया के अध्यक्ष के रूप में भारत केपीसीएस को हरेक रूप में एक सशक्त प्रक्रिया के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। उन्होंने कहा कि भारत इस प्रक्रिया को समावेशी बनाने, प्रशासन को मजबूत करने और कार्यान्वयन करने के साथ ही अधिक पारदर्शी और लोगों के प्रति संवेदनशील बनाने पर जोर देगा।
चार दिनों तक चले इस पूर्ण अधिवेशन में हीरा के खनन में पर्यावरण संबंधी चुनौतियों और उद्योगजगत से जुड़े उत्तरदायित्व के बारे में भी चर्चा की गई।
पूर्ण अधिवेशन के दौरान भारत ने बोत्सवाना, अमेरिका, रूसी संघ और विश्व हीरा परिषद के साथ द्विपक्षीय बैठकें की और केपीसीएस और इसके कार्य समूहों से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा की गई।
भारत केपीसीएस का संस्थापक सदस्य है। यह केम्बरले प्रक्रिया से जुड़ी गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा ले रहा है। केपीसीएस का लक्ष्य विश्व के लगभग 99 प्रतिशत हीरा व्यापार को विवाद से मुक्त करना है।
केपीसीएस का अगला अंतर-सत्रीय अधिवेशन भारत की अध्यक्षता में आयोजित होगा। वर्ष 2019-20 की अवधि में बोत्सवाना और रूसी संघ इसके उपाध्यक्ष होंगे।