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गुरुग्राम। नवजन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ गोयल ने मुख्यमंंत्री मनोहर लाल के उस बयान का कड़ा विरोध किया है जिसमें उन्होंने जांच रिपोर्ट के हवाला से कहा है कि रेप सहमति से होते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि वे बताएं कि इस देश में कौन महिलाएं खुशी से दुष्कर्म करवाती हैं। गुरुग्राम में तीन वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या हो जाती है और पुलिस के गिरफ्त से आरोपी बाहर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आरोपियों को पकडऩे के आदेश देने और पुलिस पर कार्रवाई करने के बजाय महिलाओं को दोषी मान रहे हंै। मुख्यमंत्री का बयान महिला विरोधी है।
वशिष्ठ कुमार गोयल ने बताया कि एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि साल 2016 में हरियाणा में रेप के कुल 1189 मामले दर्ज किए गए, जिनमें एक साल से लेकर 18 साल की लड़कियों के साथ 518 और 18 साल से 60 साल की महिलाओं के साथ 668 मामले दर्ज किए गए। इनमें गौर करने वाली बात ये है कि दर्ज किए गए कुल 1189 मामलों में से लगभग आधे यानी कि 518 मामले 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ हुए। 100 से ज्यादा मामले तो ऐसे हैं जिनमें लड़कियों की उम्र 12 साल से कम है। तो क्या मुख्यमंत्री ये कहना चाहते हैं कि 12 साल से कम उम्र की लड़कियां साथ-साथ रहते हैं और बात बिगडऩे के बाद एफआईआर दर्ज कराने पहुंच जाती हैं।
नव जन चेतना मंच के संयोजक ने कहा कि हर उम्र की लड़कियां और महिलाएं रेप का शिकार हैं। मुख्यमंत्री जी एनसीआरबी की डेटा पर एक नजर डाल लें। ये डेटा साल 2016 का है। खट्टर सरकार सत्ता में आने के बाद महिला सुरक्षा में किस कदर नाकाम रही है इसका सबूत भी खुद उनकी सरकार की एक रिपोर्ट से मिलती है।
क्राइम अगेंस्ट वूमन की एक रिपोर्ट के अनुसार मनोहर लाल खट्टर ने जिस वक्त सत्ता संभाली उस समय प्रदेश में रेप की 961 घटनाएं, यौन शोषण की 1,833 घटनाएं और अपहरण की 1,164 घटनाएं दर्ज की गई थी, लेकिन 11 सितंबर, 2018 तक इनमें अप्रत्याशित बढ़ोतरी दर्ज की गई। सितंबर 2017 से 11 सितंबर 2018 तक हरियाणा में रेप की 1,413 घटनाएं, यौन शोषण की 2,320 और अपहरण की 3,494 घटनाएं दर्ज की गई। ऐसे में मनोहर सरकार केवल झूठ बोलकर सुर्खियां बटोरने वाली सरकार है।