गुरूग्राम, 11 अक्टूबर। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार चार बड़ी मंडिया स्थापित करने जा रही है जिसमें गन्नौर की 600 एकड़ की मण्डी पाईप लाईन में है, इसके अलावा, गुरूग्राम में रियो-डी-जेनेरियो की फलोरा अंतर्राष्ट्रीय मण्डी के सहयोग से फूलों की एक मण्डी स्थापित की जाएगी जिससे एनसीआर में फूलों की जरूरत को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, सोनीपत में मसालों की मण्डी स्थापित होगी तथा पिंजौर के 250 एकड़ क्षेत्र में भी सेब मण्डी को स्थापित किया जाएगा।
श्री धनखड़ आज यहां गुरूग्राम में वल्र्ड यूनियन आॅफ होलसेल माॅर्केट (व्योम) की काॅन्फें्रस के उदघाटन सत्र के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह विश्व स्तरीय काॅन्फंे्रस देश में पहली बार आयोजित की जा रही है जिसमें किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर विभिन्न निर्णय लेने में मदद मिलेगी। श्री धनखड़ ने बताया कि 19 देश सीधे तौर पर भाग ले रहें हैं जिनमें चीन, स्पेन, मैक्सीको, पोलेंड, सर्बिया, अमेरिका इत्यादि के प्रतिनिधि आए हैं। इसके अलावा, विभिन्न देशों के राजदूत कार्यालयों के प्रतिनिधि भी इस काॅन्फें्रस में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस विश्व स्तरीय काॅन्फें्रस में भारत के विभिन्न राज्य जैसे कि आंध्र प्रदेश, असम, उड़ीसा, गोआ, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उतराखण्ड, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे है।
श्री धनखड़ ने मंडियों को सशक्त करने की बात करते हुए कहा कि देश की बड़ी मण्डियों को आधुनिक बनाने के लिए इस काॅन्फें्रस में गहनता से विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन की बिजिंग की एक हजार एकड़ में बनी मण्डी, रंगिस की मण्डी, रियो-डी-जैनेरियों की मण्डी को देखने का उन्हें मौका मिला, उनके साथ गए हुए विभागीय प्रतिनिधि मण्डल ने भी इन मंडियों को देखकर अपनी समझ को आगे बढाया है कि किस प्रकार से थोक या होलसेल मण्डी को आधुनिक तौर पर विकसित किया जा सकता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि होलसेल मण्डी कृषि के क्षेत्र में किसान और उपभोक्ता के बीच एक ईंजन का काम करती है और हम सभी को इस ईंजन को आधुनिक बनाना है क्यांेकि यदि हम होलसेल बाजार को आधुनिक रूप से विकसित कर पाएंगे तो किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उनका कल्याण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज उपभोक्ताओं की बहुत बड़ी संख्या है और उन तक किस प्रकार जल्द से जल्द उत्पाद पहुंचे इस पर हमें विचार करना है। उन्होंने कहा कि यूरोप की मण्डियों में किसान सीधा अपना उत्पाद बेच सकता है, इसी प्रकार से हमें भारत में भी एक साधारण व्यक्ति किस प्रकार से अपने उत्पाद को बेच सके इसके उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि साधारण व्यक्ति को अपने उत्पाद को बेचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इन चुनौतियों से पार पड़ने के लिए आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा कि हमंे लोगों को जागृत करने के लिए भी कदम उठाने होंगे जैसे कि कृषि उत्पादो का वेस्ट कम से कम हो। इसके अलावा, फल तथा सब्जियों को किस प्रकार से बेहत्तर बनाया जाए ऐसे रास्तांे पर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि गत दिवस व्योम की बोर्ड बैठक में एशिया की स्थितियों के अनुसार विभिन्न निर्णय लिए गए और उन्हें उम्मीद है कि इन निर्णयों से भारतीय बाजारों की दशा और दिशा सुधरेगी। उन्होंने कहा कि हमें आधुनिक तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ कोल्ड चेन जैसी प्रणालियों पर बल देना होगा ताकि मंडियों को अच्छी प्रकार से विकसित किया जा सके और किसानों के साथ उपभोक्ताओं के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जा सके। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में एक्सपै्रस- वे पर लगभग 2000 करोड़ रूपए का कृषि उत्पादों का बाजार है। इसी प्रकार, कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) पर पंचग्राम नामक योजना के तहत पांच नए बडे़ शहर बसाने की योजना है जिसमें भी कृषि के उत्पादों के बाजार की संभावनाएं हैं।
श्री धनखड़ ने कहा कि हमें दुनिया की किसी भी मण्डी का अनुसरण नहीं करना है बल्कि अपनी परिस्थितियों के अनुसार मंडियों को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में आयोजित की जा रही इस काॅन्फें्रस में जो साकारात्मक सुझाव होंगे, उन्हीं को अपनाया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि काॅन्फे्रंस में आए हुए प्रतिनिधियों को ई-नैम योजना के तहत किए जा रहे कार्य की जानकारी दिलाने हेतू उन्हें एक अध्ययन दौरा भी करवाया जाएगा।
पत्रकारवार्ता के दौरान व्योम के चेयरमैन जैंगजुंग मा, जो चीन के हैं, ने बताया कि भारत और चीन पडौसी देश हैं और वे पहली बार भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप और जापान की होलसेल मार्केट काफी आधुनिक हैं लेकिन चीन और भारत के बाजार इन बाजारों की तुलना में काफी पीछे हैं। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के विकास और उत्थान में होलसेल माॅर्केट महत्वपूर्ण भूमिका रखती है और आज यहां हरियाणा सरकार और हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड ने होलसेल मार्केट में काम करने वाले लोगों को एक अच्छा मंच प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश धनखड ने इस कार्य को करवाने का जो बीड़ा उठाया है वह प्रसंशनीय है और इससे हरियाणा के किसानों व उपभोक्ताओं को काफी लाभ प्राप्त होगा।
चेयरमैन ने कहा कि हम कृषि उत्पादों के वितरण में कैसे बेहत्तर कर सकते हैं इस पर विचार करना होगा और उन्हें लगता है कि यह काॅंन्फें्रस ऐसे विचारों और अनुभवों को सांझा करने के लिए एक उत्तम मंच है। उन्होंने कहा कि इस काॅन्फें्रस के पश्चात उन्हें पूरी उम्मीद है कि भारत में होलसेल मार्केट अवश्य अपग्रेड होंगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग देशों के अलग-अलग अनुभव होते हैं, कुछ लाभ के लिए होते हैं तो कुछ किसानों और उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए होते हैं। इसी कड़ी में चीन की होलसेल मार्केट प्रबंधन टीम लाभ लेने के लिए लगातार कार्य कर रही है और यह सफल कार्य भारत को एक आदर्श सीखने का अनुभव प्रदान कर सकती है।
पत्रकारवार्ता के दौरान व्योम के निदेशक डा. जे एस यादव ने बताया कि दुनिया में दो प्रकार के होलसेल बाजार हैं, एक यूरोप का बाजार और दूसरा एशिया का बाजार। दोनों की परिस्थितियां अलग-अलग है। उन्होंने बताया कि व्योम के बोर्ड की बुधवार सायं यहां हुई बैठक में निर्णय लिया है कि अगले 5 वर्षों में जो विकसित होलसेल बाजार हैं वह अविकसित होलसेल बाजारों का सहयोग करेेंगे। यह भी निर्णय लिया गया है कि व्योम एशिया के बाजार पर ध्यान केंद्रित करेगें। इसके अलावा, भारत को डिजीटलीकरण के साथ-साथ ई-नैम जैसे बड़े सिस्टम की सराहना करते हुए इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग करने के बारे में अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में विभिन्न निर्णय एशिया और भारत की स्थितियों के अनुसार किए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में डा. जे एस यादव ने कहा कि अगले 5 सालों की चुनौतियों को देखते हुए माॅर्केट की स्थायित्वता या स्थिरता पर जोर दिया जाएगा ताकि मंडियां आय का स्त्रोत ही ना हो बल्कि इसमें किसानों के हितों का भी ध्यान हो। उन्होंने आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि डिजीटलीकरण और सुधारों की खाई को पाटना भी एक चुनौती है और इनको आपस में एकीकृत करना होगा। इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और खाद्य सामग्री इत्यादि पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि चीन में वर्ष 2020 तक खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और खाद्य सामग्री इत्यादि पर कानून बनाकर लागू कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, भारत को भी अभी इस क्षेत्र में बहुत काम करना है।
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डे, उडीसा के सहकारिता मंत्री सूर्या नारायण पात्रो, हरियाणा माॅर्केटिंग बोर्ड की चेयरपर्सन कृष्णा गहलोत, गोआ के मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन प्रकाश, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधु तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।