दूसरे वैश्विक री-इन्वेस्ट इंडिया-आईएसए साझेदारी नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञ सम्मेलन को मिली शानदार सफलता
नई दिल्ली : दूसरे वैश्विक री-इन्वेस्ट इंडिया-आईएसए साझेदारी नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञ सम्मेलन और एक्सपो (री- इन्वेस्ट 2018) में कल पहले ही दिन 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ग्रेटर नोएडा में आयोजित सम्मेलन में 5000 से अधिक प्रतिनिधि और 180 से ज्यादा प्रदर्शक शामिल हुए। पहले दिन 354 द्विपक्षीय व्यापार बैठकों का आयोजन हुआ। महत्वपूर्ण सत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा, दूसरी हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) ऊर्जा विशेषज्ञों की बैठक और संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस के मुख्यमंत्रीय पूर्ण और कंट्री सत्र शामिल हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा की अध्यक्षता विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह और फ्रांस के पारिस्थितिकी और सालिडेरी ट्रांजिशन राज्यमंत्री सुश्री ब्रूनी पोरसन ने सभा की सह-अध्यक्षता की।
सभा की व्यापार कार्रवाई के दौरान हिन्द महासागर रिम एसोसिएशन और अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ने संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये। हरियाणा सरकार ने भारतीय मूल की अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की स्मृति में आईएसए के साथ भागीदारी में सौर पुरस्कार की घोषणा की। हरियाणा सरकार के ऊर्जा मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने सभा के अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष की उपस्थिति में आईएसए के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
आईएसए के नैगमिक भागीदारों ने आईएसए के कॉर्पस निधि के लिए तीन चेक भेंट किए। पहला चेक भारत सरकार के विद्युत सचिव श्री ए.के. भल्ला और वि़द्युत वित्त निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री राजीव शर्मा ने 1 यूएसडी मिलियन का चेक प्रस्तुत किया, 1 यूएसडी मिलियन का दूसरा चेक कोल इंडिया के महाप्रबंधक जी एस भट्टी ने प्रस्तुत किया, 2 यूएसडी मिलियन का तीसरा चेक आईटीपीओ के कार्यकारी निदेशक, श्री दीपक कुमार ने प्रस्तुत किया। पूरे दिन आईओआरए देशों के नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञों ने नवीकरणीय पदार्थों के त्वरित विकास के लिए रणनीतियां बनाने के तरीकों के बारे में विचार विमर्श किया।
पूर्ण सत्र में हिमाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों ने निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए इन राज्यों द्वारा लागू की गयी नवीकरणीय ऊर्जा नीति पहलों को साझा किया।
फ्रांस और अमेरिका के कंट्री सत्रों में इन देशों के विशेषज्ञों ने अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया और नवीकरणीय ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी रुझानों के बारे में प्रकाश डाला। फ्रांस और अमेरिका द्वारा समर्पित कंट्री सत्रों में समझौता ज्ञापन और संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर हुए। फ्रांस की विकास एजेंसी और भारतीय सौर ऊर्जा निगम के मध्य सौर ऊर्जा में नवीकरण के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अमेरिका के कंट्री सत्र में भारत और अमेरिका के मध्य मांग एकत्रीकरण पायलटों की संयुक्त घोषणा की गई। पहले दिन दो विशेष सत्रों का आयोजन हुआ। सॉफ्ट बैंक समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मासायोशी सान ने पहले विशेष सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा के कम मूल्यों के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी सौर ऊर्जा परियोजनाएं पीपीए के 25 वर्षों के बाद आईएसए के सदस्य देशों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएगी।
दूसरे विशेष सत्र को लद्दाख के छात्रों के शैक्षणिक और सांस्कृतिक आंदोलन के संस्थापक निदेशक सोनम वांगचुक ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को किस प्रकार शुद्ध वित्तीय लाभ के बजाय इस ग्रह के बारे में चिंता करते हुए ही किया जाना चाहिए। श्री सोनम वांगचुक ने कहा कि ऊर्जा की बचत, ऊर्जा का उत्पादन है। यदि प्रत्येक भारतीय गर्मियों के मौसम के दौरान भारतीय मानक समय से अपनी घड़ी को एक घंटा आगे कर ले, तो देश लाखों मेगावाट विद्युत बचाकर भारी लाभ उठा सकता है। वर्तमान में, कुछ देश दिन के प्रकाश के उचित उपयोग की प्रक्रिया अपना रहे हैं। अगर भारत जैसा बड़ा देश ऐसा करेगा, तो इससे हमारे ग्रह को बहुत लाभ मिलेगा।
री-इन्वेस्ट 2018 के तीसरे और अंतिम दिन यानी 05 अक्टूबर को आयोजित सत्रों में ‘मेकिंग रिनुएबल्स इन इंडिया’, ‘स्वच्छ कुकिंग’ जैसे सत्र और जर्मनी और फिनलैंड के कंट्री