देखें आज का पंचांग -23/10/2016-रविपुष्यामृत योग

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⁠⁠⁠23/10/2016 का पन्चाग

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सन्दीप पाराशर
08901157999
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अक्षांश :- 28 .40
विक्रमी संवत् :- 2073
संवत् नाम :- सौम्य
शाके :- 1938
मास :- आश्विन
पक्ष :- कृष्ण
तिथि :- अष्टमी ( 12:30)
तिथि संज्ञा :- जया
वार :- रविवार
नक्षत्र :- पुष्प (20 : 39) तक
नक्षत्र स्वामी :-
योग :- साघ्य (20:49:45) तक
करण :- कौलव (12:30:30)
तदुपरांत :- तैतिल 24 : 26 : 15

ऋतु :- शरद
सूर्य :- दक्षिणायन

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अग्नि :- आकाश ( 00 : 28) तक पाताल
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भद्रावास :- नहीं
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सूर्योदय : 06 : 27 : 14
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सूर्यास्त : 17 : 43 : 16
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चंद्रोदय : 24 : 36
अस्त. 13 : 20
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दिनमान : 11 : 16 : 01
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रात्रि मान : 12 : 22 : 10
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सूर्य नक्षत्र : चित्रा ( 23 : 41)
राशि. तुला
बुध भी तुला राशि मे पहुच गए है जो शुक्र के परम मित्र बताए गए है.
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चंद्र नक्षत्र : कर्क

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त्यागने योग्य समय :-
राहुकाल : 16 :18: 45 से 17 :43:16
राहुकाल वास : पश्चिम
दूमुर्हत : 16 : 13: 07 — 16 : 58 :11
कालबेला : 11 : 42 : 43— 12:27:47
गुलिका काल : 14:54:15 — 16 : 18:45
यमगण्ड : 12:05: 15—- 13 : 29 : 45
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अभिजित मुहुर्त : 11 : 42: 43 से 12 : 27:47
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चौघडिया शुभ मुहुर्त :

दिन

उद्वेग 07:50 – 09:18 अशुभ
चर. 09:18 – 10:46 शुभ
लाभ 10:46 – 12:14 शुभ
अमृत 13:42 – 15:10 शुभ
काल 12:05:36 — 13:30:10
शुभ. 13:30:10 –14 : 54: 44
रोग. 14:54:44 — 16:19:18
उद्वेग. 16:19:18 — 17:43:52
शुभ. 17:43:52 — 19:19:23
अमृत 19:19: 23 — 20:54:54
चर. 20:54 :54 — 22:30:25
रोग. 22:30:24.— 24:05:56
काल. 24:05:56 — 25:41:27
लाभ. 25:41:27—- 27:16:58
उद्वेग. 27:16:58 —- 28:52:29
शुभ. 28:52:29 —- 30:28 : 00

क्या करे आज : —

कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में

? संदीप पाराशर ?

? समय रविपुष्प योग :- ?

23 अक्टूबर 2016 रविवार को 23 : 08 : 38 रात्रि 08: 38 तक ) रविपुष्यामृत योग है।

बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |

रविपुष्यामृत योग

बाजार से खरीदी का महामुहूर्त पुष्य नक्षत्र इस बार दिवाली से 8 दिन पहले यानी 23 अक्टूबर, रविवार है । रविवार को आने से यह रवि पुष्य कहलाएगा। 27 नक्षत्रों में से पुष्य और इसमें भी रवि पुष्य का होना खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
धनतेरस और दिवाली के लिए लोग बाजार में पुष्य नक्षत्र के संयोग में ही सबसे अधिक खरीदारी करते हैं।
पुष्य पर तीन शुभ योग बनाएंगे इसे खास

इस बार का रवि पुष्य नक्षत्र इसलिए भी सबसे खास होगा क्योंकि इस दिन संयोग से श्रीवत्स योग बन रहा है और अहोई अष्टमी, कालाष्टमी के साथ सूर्य एवं बुध का एक साथ होना भी इसे सर्वश्रेष्ठ बना रहा है। पंडितों की माने तो इस संयोग में की गई खरीदारी अक्षय पुण्यकारी होगी।

?? पूरे 24 घंटे का होगा नक्षत्र??

पुष्य को बाजार से भूमि, भवन, ज्वैलरी, वाहन आदि की खरीदारी के लिए शुभ व स्वयं सिद्ध मुहूर्त वाला योग माना जाता है। इस बार यह नक्षत्र 22 अक्टूबर शनिवार को रात 8.41 बजे से प्रारंभ हो जाएगा जो अगले दिन रविवार की रात 8.41 बजे तक यानी पूरे 24 घंटे रहेगा।

खरीदारी के लिए पुष्य ही क्यों खास ?
1. पुष्य को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है।

2. इसमें की गई खरीदी समृद्धिकारक होती है।

3. पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है, इसे खरीदने के लाभ होता है।

4. रवि पुष्य में भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई संपत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ की संभावना रहती है।

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