सिलोखरा के नागरिकों का धरना 13 वें दिन जारी 

Font Size
 
राजनीतिज्ञों, शिक्षाविद् व समाजसेवियों ने दिया समर्थन, विशाल बना आंदोलन
सिलोखरा के नागरिकों को मुख्यमंत्री के फैसले का इंतजार: डा. मुकेश शर्मा
 
गुडग़ांव 22 जुलाई: सिलोखरा तालाब (तीर्थ स्थल) की पंचायती जमीन पर भाजपा कार्यालय व ग्रुप हाउसिंग निर्माण केखिलाफ  व गांव के विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सिलोखरा सहित 360 गांवों के नागरिकों का धरना रविवार को लगातार 13वें दिन भी जारी रहा। लंबे समय से धरना और आंदोलन चलाने के बावजूद मांगों पर ध्यान नहीं देने जाने को लेकर धरनारत नागरिकों का धैर्य टूटता जा रहा है और उनमें रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि सरकार ने उनकी बातें नहीं मानी तो धरना लगातार जारी रहेगा। धरने के दौरान काफी संख्या में शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञों और समाजसेवियों के साथ दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान आदि प्रांतों के लोगों ने समर्थन देकर धरने को विशाल रुप में प्रदर्शित किया। लोगों ने एक स्वर से कहा कि सिलोखरा के विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे नागरिकों का आंदोलन जायज है और सरकार को इस पर शीघ्र ही फैसला लेना चाहिए। धरने को लगातार समर्थन कर रहे 360 के प्रधान चौ. महेन्द्र ठाकरान ने कहा कि आंदोलन और जनता के धैर्य की एक सीमा होती है, शासन और प्रशासन को इस बात को समझना चाहिए।  
धरना स्थल पर पहुंची शिक्षाविद्, एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री आशा शर्मा ने कहा कि भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग के निर्माण के लिए तालाब, तीर्थ स्थल, शिव मंदिर आदि आध्यात्मिक स्थलों को तोडऩा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है। पेड़ों को काटना पर्यावरण के लिए घातक है और ऐसा करने के लिए सिलोखरा के निर्दोष नागरिकों पर झूठा मुकदमा लादना सर्वाधिक गलत कार्य है। सरकार को शीघ्र ही भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग को शिफ्ट कर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिलोखरा के विकास के माग्र प्रशस्त करना चाहिए। धरने को समर्थन करने पहुंचे कांगेेस नेता व पूर्व सीनयिर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने कहा कि सिलोखरा की जिस 12 एकड़ जमीन पर विकास कराने की मांग को लेकर यहां के नागरिक इतना लंबा आंदोलन चला रहे हैं उस जमीन को नगर निगम के अधीन करने का प्रस्ताव नगर निगम की पिछली कार्यसमिति के दौरान निगम सदन मेें मेरे समक्ष रखा गया था। किन्हीं कारणों ने यह जमीन हस्तांतरित नहीं हो पाया अन्यथा आज यहां भाजपा कार्यालय और ग्रुप हाउसिंग का निर्माण नहीं होता बल्कि गांव के विकास से संबंधित सामुदायिक भवन, तालाब, स्कूल, अस्पताल आदि का निर्माण कराया जाता। सरकार को इस बात को संज्ञान में रखते हुए गांव के नागरिकों पर थोपा गया फर्जी मुकदमा वापस लेने के साथ विकास कार्य शुरु कराना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष खटाना ने सिलोखरा के नागरिकों की मांग को न माने जाने को लेकर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को शीघ्र ही नागरिकों के खिलाफ किया गया फर्जी मुकदमा वापस लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसे युवा आंदोलन का रुप दिया जाएगा। धरने का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा सहित 360 गांव के नागरिकों को सरकार और मुख्यमंत्री के फैसले का इंतजार है। मुख्यमंत्री ने तीसरी बार सिलोखरा के नागरिकों को भरोसा दिया है, शीघ्र ही उन्हें सिलोखरा के विकास का रास्ता साफ करना चाहिए। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा के नागरिकों का आंदोलन सालभर से चल रहा है और धरना भी पिछले 13 दिनों से जारी है। शासन और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो विकास कार्य शासन और प्रशासन का स्वयं कराना चाहिए उसके लिए सिलोखरा के नागरिकों सहित 360 गांवों के लोगो को इतना लंबा आंदोलन चलाना पड़ा फिर भी सरकार इस मामले में निर्णय लेने में विलंब कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि सिलोखरा के आंदोलन के लगातार जारी रहने के कारण भाजपा सरकार की छवि जनता में जनविरोधी साबित हो रही है, मुख्यमंत्री को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। गांव के नागरिकों का कहना है कि सरकार शीघ्र इस मामले मेें उचित फैसला ले। धरने में पूर्व सरपंच ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व पुलिस अधीक्षक महाराज सिंह, सुरेश कटारिया बसई, अनिल धनकोट बसई, ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष बेनी प्रसाद गौड़, गुलशन शर्मा ब्राह्मण सभा पटौदी, नरेन्द्र कौशिक पटौदी, डा. सुरेश तिवारी, नन्द किशोर पटौदी, पूर्व पंच रामपत यादव, पूर्व सैनिक रामेहर यादव, देवेन्द्र यादव, रोहताश यादव, चंद्रभान सैनी, शेर सिंह पंडित, भरत सिंह, मामचंद सैनी, धर्मवीर शर्मा, विकास, गोपाल शर्मा, नीरज शर्मा एडवोकेट, सतबीर शर्मा, चौ. भूपसिंह सिंह, जयभगवान शर्मा, सुंदर सैन, सुंदर यादव, रामजीवन, रामधान सैनी, लक्ष्मीनारायण सैनी, अमर सिंह सैनी, राजीव शर्मा, अमित शर्मा, महेन्द्र शर्मा, सुल्तान सिंह, अजय कुमार, देशराज यादव, मोनू, सुभाष शर्मा, जयभगवान, राजेश शर्मा, भूपसिंह शर्मा, सतीश शर्मा, रमेश शर्मा, राजपाल शर्मा, राजपाल शर्मा, शेरु यादव, देवीराम यादव, देवीराम शर्मा, गोलू, मनोज, वेदराम हलवाई, राजपाल पंच, संदीप, दीपक, हर्ष, मनीष शर्मा, राजबीर यादव, रामू सिंह, काले नाई, सुभम शर्मा, बलराम, आनंद शर्मा, इंद्रपाल, विक्की, हरीश, शिवकुमार, राजीव भारद्वाज, हरेन्द्र शर्मा, हरीश सैनी, गगन सैनी, अशोक शर्मा, सोमदत्त शर्मा, शांति देवी, शकुंतला, मनीषा, कमलेश, पुष्पा, राजवती, कांता, प्रभा, मूर्ति, लता, शारदा, ममता, द्रौपदी, संतोष, सोना, ओमवती, राजबाला, सरस्वती, प्रमीला, सुनीता, पिंकी, सुदेश, सरिता शीला, रागिनी, पूनम, शकुंतला, व सुषमा सहित काफी संख्या में महिलाएं और सैकड़ों नागरिक शामिल रहे।
फोटो– सिलोखरा में धरने को संबोधित करते चौ. महेन्द्र सिंह ठाकरान, डॉ मुकेश शर्मा, आशा शर्मा, यशपाल बत्रा, मनीष खटाना और धरने के दौरान उपस्थित नागरिकों की भारी भीड़।

You cannot copy content of this page