अचेत हुईं विकास की मांग को लेकर धरना दे रही सिलोखरा पंचायत की महिलाएं

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शासन व प्रशासन की हिटलरशाही को लेकर नागरिकों में भारी रोष: डा. मुकेश शर्मा

मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपने के लिए दिनभर धरना देते रहे नागरिक

एसी छोड़ कार्यालय से बाहर नहीं निकले डीसी

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गुडग़ांव, 6 जुलाई: सिलोखरा की पंचायती जमीन पर विकास कराने की मांग को लेकर पिछले करीब सालभर से आंदोलन कर रहे सिलोखरा व आसपास के नागरिक गांव के लोगों पर दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लेने और गांव में विकास कार्य शीघ्र शुरु करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपने मिनी सचिवालय पहुंचे लेकिन डीसी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचे। धरना का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि हम बार-बार डिसी कार्यालय से संपर्क स्थापित करते रहे लेकिन डीसी कमरे से बाहर नहीं निकले।

उन्होंने दो बार डीडीपीओ और एसडीएम को ज्ञापन लेने के लिए भेजा लेकिन ग्रामीण डीसी को ज्ञापन देने के लिए इसलिए इंतजार कर रहे थे कि उन्होंने ने विकास कार्य 15 दिनों के अंदर कराने का आश्वासन दिया था। ग्रामीण उनसे पूछना चाहते थे वे अपनी बात पर क्यों नहीं टिके रहे लेकिन वे सरकार के दबाव पर ग्रामीणों से मिलने नहीं आए। इसका प्रतिफल हुआ कि चिलचिलाती धूप में ग्रामीण के साथ भारी संख्या में महिलाएं डीसी कार्यालय के बाहर धरना देती रहीं और गर्मी के कारण 4 वृद्ध महिलाएं व तीन लोग अचेत भी हो गए।

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ग्रामीणों ने इसे शासन और प्रशासन की हिटलरशाही करार देते हुए भारी रोष व्यक्त किया और सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक धरना देने के बाद बिना ज्ञापन दिए वापस आ गए। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि शासन और प्रशासन की इस बेरुखी से आक्रोशित ग्रामीणों सहित 360 गांव की सरदारी ने ऐलान किया कि अगर सरकार ग्रामीणों पर थोपे गए मुकदमे को वापस लेने के साथ सिलोखरा से भाजपा कार्यालय और सांसदों और विधायकों के लिए बनाए जा रहे ग्रुप हाउसिंग को नहीं हटाया तो 360 गांवों के नागरिक इसके लिए सड़क से सदन तक आंदोलन जारी रखने का काम करेंगे।

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उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर मौजूद 360 के प्रधान चौधरी महेन्द्र सिंह ठाकरान ने ऐलान किया कि विकास की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सिलोखरा के नागरिकों के समर्थन मेें 360 गांव के नागरिक हैं और जब तक विकास शुरु नहीं होता और ग्रामीणों पर थोपा गया मुकदमा वापस नहीं हुआ तक तब आंदोलन जारी रहेगा। डा. शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार और प्रशासन ने इस प्रकरण में सिलोखरा के नागरिकों के साथ पूरे 360 गांवों के लोगों को धोखा दिया है।

लगातार विकास के इस आंदोलन को सरकार और प्रशासन ने कुचलने का प्रयास किया और अंतत: निर्दोष लोगों पर झूठा मुकदमा लादकर बलपूर्वक भाजपा कार्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं सिलोखरा में तालाब के निर्माण के जो खुदाई की गई थी उसमें भाजपा कार्यालय से निकली हुई मिट्टी डालकर उसे भरा जा रहा है। इसका मतलब है कि शासन और प्रशासन विकास होने देना नहीं चाहता। ऐसा कत्तई नहीं होने दिया जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा।

धरने के दौरान 360 गांव के प्रधान चौधरी महेन्द्र सिंह ठाकरान के साथ सूबे सिंह बोहरा, ओमप्रकाश सरपंच, गुडग़ांव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष्रा अजय चौधरी, सचिव हेमंत शर्मा, धर्मवीर कटारिया बसई, रामपत यादव, धर्मवीर शर्मा, सुंदर सैनी, भरत सिंह बडग़ुज्जर, मामचंद सैनी, गोविंद कटारिया, शेरा पंडित, राममेहर यादव, श्रीराम यादव, सुल्तान बाल्मिकी, काले चौकीदार, राजेश शर्मा, सुभाष शर्मा, अशोक शर्मा, नीरज शर्मा, हेमंत शर्मा, अतर सिंह, तेजप्रताप, अमर सिंह सैनी, देशराम सैनी, पूर्व सरपंच राजबाला शर्मा, भतेरी देवी, रेखा सैनी, राजीव शर्मा, मोनू शर्मा, सचिन शर्मा, राधेश्याम, देवी राम शर्मा व दान सिंह तंवर सहित भारी संख्या में नागरिक और करीब 200 से अधिक महिलाएं शामिल रहीं।

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