सी आई ए रेवाड़ी ने 48 घंटे में बुजुर्ग महिला की हत्या की गुत्थी सुलझाई

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साइबर सेल की मदद से हत्यारे तक पहुंची पुलिस, दो हत्यारे गिरफ्तार

महिला की पुत्रवधू ने ही अपराधियों को दी थी हत्या को सुपारी

अवैध संबंध के कारण बुजुर्ग महिला की पुत्रवधू ने करवाई हत्या

चण्डीगढ, 18 जून हरियाणा पुलिस की सीआइए टीम रेवाडी ने कंवाली में हुई बुजुर्ग महिला की हत्या की गुत्थी को मात्र 48 घंटों के भीतर ही सुलझाने मे सफलता हासिल की और साइबर सैल की मदद से हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस विभाग के प्रवक्त्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ब्लाइंड मर्डर की इस वारदात को सुलझाना इतना आसान नही था, लेकिन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसपी राजेश दुग्गल के मार्गदर्शन मे सीआइए व खोल थाना पुलिस ने साइबर सैल की मदद ली और हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले दोनो आरोपियों को दबोच लिया। शुरूआती पूछताछ मे आरोपियों ने अवैध संबंधों का खुलासा किया है जिसके चलते ही बुजुर्ग महिला को मौत के घाट उतारा था और इस हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए बुजुर्ग महिला की पुत्रवधु ने ही अरोपी के साथ सांठगांठ की थी। पुलिस ने आरोपी पुत्रवधु को भी गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए आरोपियों को आज अदालत मे पेश कर रिमांड पर लेकर आरोपियों से गहनता से पूछताछ करके चोरी हुए गहने तथा मोबाइल फोन बरामद किया जाएगा।
प्रवक्त्ता ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि गांव कंवाली निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ज्ञाना देवी की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। खोल थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। जांच के दौरान मौके से बुजुर्ग महिला का मोबाइल फोन व कुछ गहने भी गायब मिले थे। पुलिस ने उसी आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू की और फिर मोबाइल के जरिए ही धारूहेडा वार्ड नंबर-7 निवासी लक्ष्मण व मदन लाल को काबू किया गया। और पूछताछ की गई तो बुजुर्ग महिला की पुत्रवधु की करतूत भी उजागर हो गई।
उन्होंने बताया कि आरोपी लक्ष्मण बलभगढ मे एक भटठे पर नौकरी करता था। बल्भगढ मे ही बुजुर्ग महिला का बेटा अपनी पत्नी सहित एक अन्य भटठे पर नौकरी करता था। इसी दौरान आरोपी महिला व लक्ष्मण के बीच अवैध संबंध बन गए। दो साल से आरोपी लक्ष्मण और आरोपी महिला के बीच रिश्ता बना हुआ था। एक दिन आरोपी महिला ने अपनी सास के बारे मे लक्ष्मण को बताया और कहा कि अगर वह उसकी सास को रास्ते से हटा देगा तो वह हमेशा के लिए उसके साथ रहने लग जाएगी। उसी दिन से आरोपी ने ज्ञाना देवी को मौत के घाट उतारने की साजिश रचनी शुरू कर दी। वारदात को अंजाम देने से पहले 12 जून को आरोपी लक्ष्मण व बुुजुर्ग महिला के बेटे के बीच किसी बात को लेकर झगडा हो गया था। जिसपर आरोपी लक्ष्मण ने आरोपी महिला के पति के साथ मारपीट की थी। मारपीट की इस घटना के बाद आरोपी महिला ने लक्ष्मण के साथ मारपीट की थी। इस घटना के बाद आरोपी वहां से चला गया, लेकिन उसके बाद ही उसने इस खूनी वारदात को अंजाम दिया था।
वारदात को अंजाम देने से पहले 13 जूून को आरोपी लक्ष्मण रेवाडी पहुंचा था और उसके बाद मातनहेल चला गया। उसके बाद अपने साथी मदनलाल को किसी जरूरी काम का हवाला देकर 14 जून को रेवाडी बुला लिया। 14 जून को रेवाडी मे मिलते ही दोनो आरोपियों ने एक स्थान पर बैठकर शराब पी और फिर टेऊन से जाटूसाना पहुंच गए। जाटूसाना से बेरली पहुंचे और वहां से गांव कंवाली पहुंच गए।
वहां पर फिर शराब पी और ज्ञाना देवी के घर की रैकी के बाद आसपास के एरिया मे ही घुमते रहे। 14 जून की रात को करीब 11 बजे आरोपी लक्ष्मण बुजुर्ग महिला ज्ञाना देवी के घर मे घुसने के लिए गया, लेकिन दीवार पर ना चढने के कारण उसने अपने साथी मदन लाल को भी वही बुला लिया और मदन लाल की मदद से दीवार फांद कर घर के अन्दर कूद गया और अन्दर से दरवाजा खोल दिया और आरोपी मदन लाल भी घर के अन्दर घुस गया। और आंगन मे सो रही ज्ञाना देवी को दबोच लिया। आरोपी लक्ष्मण ने ज्ञाना देवी का गला व मुंह दबाया और मदन लाल ने उसके पैर पकड लिए। करीब 10 मिनट तक दोनो ने उसे दबोचे रखा और फिर ज्ञाना देवी के दम तौडने के बाद आरोपी कमरे में रखी एक संदूक का ताला तोडकर गहने तथा बुजुर्ग का मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी लक्ष्मण बुजुर्ग के मोबाइल को मातनहेल स्थित एक दुकान संचालक को चार सौ रूपये मे बेच दिया था।

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