पुस्तकालय पर सेन्ट्रल जाँच एजेंसी की पैनी नजर

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किसी भी वक्त हो सकती है बड़ी करवाई 

जाकिर नायक और आतंकवाद के रिश्ते की खोज में जुटी है

दरभंगा। यू तो दरभंगा आतंकियों के लिए सेफ जोन सुरु से ही रहा , कई आतंकी यहाँ से गिरफ्तार भी हुए , लेकिन दरभंगा के इतने लोग आतंकी बने कैसे यह एक बड़ा सवाल है । NIA की जांच से साफ पता चलता है की यहाँ से पकड़े गए सभी आतंकी दरभंगा के उसी पुस्कालय में मिला करते थे और मज़हबी और जेहादी किताबो का अधयन किया करते थे । सूत्रो की माने तो विवाद में आये जाकिर नाईक की भी यहाँ कई किताबे है। कई किताबे और cd तब NIA ने यहाँ से जप्त भी की थी जो काफी आपत्ति जनक थी ।

आतंक के इस पुःतकालय में इन्डियन मुजाहिद्दीन के सरगना और यासीन भटकल भी इसी पुस्तकालय में आया करता था जहा कई पकडे गए संदिग्ध आतंकियों ने यह बाते कबुली। यही कारन है की यासीन भटकल को भी NIA की टीम ने दरभंगा के इस पुस्तकालय में लाकर कई साक्ष्य को समेट कर ले गयी । इस बात की पुस्तदर Dy.sp दिलनवाज़ अहमद और वार्ड के पार्षद भी करते है ।जबकि All india muslim personal law board के सदस्य मुफ़्ती एजाज अरशद काज़मी बचाव में कहते है की पुस्तकालय में सभी वैसे दुर्लभ किताबे होनी ही चाहिए और ये कोइ मसला नहीं की कोइ आतंकी पुस्तकालय में क्यू आता रहा । अब जबकि मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नायक सवालो में घिरे है पुस्तकालय तब से बंद परा है ।  सवाल यह है की आखिर इस पुस्तकालय में आखिर ऐसी क्या बात है की ज्यादार तर आतंकी इसी पुस्तकालय में एक दूसरे से मिलते थे और धार्मिक किताबे पढ़ते थे ? क्या यह पुस्तकालय धार्मिक किताबो की आड़ में कही जेहादी किताबे तो नहीं उनलोगो को मुहैया करता था ?

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